ये जग का पालनहार है

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sunil vishw
अमीर गिन रहा नोट यहाँ,
हाथ मले किसान।
वीआईपी सोए मखमल पे,
किसान बांधे खेत मचान।।

रात को जागत दिन को भागत,
खेतन करे किलोल।
खून पसीना बहा दिया,
आखिर नहीं मिले उचित मोल।।

सपने लाख सजा लिए,
ले फसल गए बजरिया की ओर।
दाम मिला कम मिला,
फिर भी किया संतोष।।

राशन के, दवाई के पैसे
दिए चुकाए।
घर पहुँचे जब तलक,
बिजली बाले आँगन आए।।

बचा-कुचा सब दे दिया,
हाथ नहीं रहा इक लाल।
कहत किशन बा-सुन भाई मालिक,
अब तो बस अगले बरस की आस।।

दूसरे बरस भगवान ने,
फसल दी बिगाड़।
खून के आंसू रो रहा अब,
देखो जग का पालनहार।।

बैठे भूख से बिलख जाते, ये देख किसान आधे मर जाते।
बाकी कमी नेता जी पूरी कर गए,
जब 200 रु. बीघा हाथ में धर गए।।

बंद करो ठिठोली किसान से,
ये जग का पालनहार है।
कुछ सहयोग दो इसे,
इसकी मेहनत अपरम्पार है।।

#सुनील विश्वकर्मा

परिचय : सुनील विश्वकर्मा मध्यप्रदेश के छोटे गांव महुआखेड़ा (जिला गुना) के निवासी हैं। आपकी प्रारम्भिक शिक्षा अपने गांव एवं बाद की इंदौर से (स्नातकोत्तर)प्राप्त की है। आप लिखने का शौक रखते हैं।वर्तमान में इंदौर में प्राइवेट नौकरी में कार्यरत हैं।

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।