पावनता

0 0
Read Time2 Minute, 1 Second
satish
अंतस में होगा नहीं,जब तक ज्ञानालोक।
बने रहेगें रात-दिन,जीवन में दुःख शोक॥
जितनी माला फेरिए, करिए मंत्रोच्चार।
मन की पावनता बिना,यत्न सभी बेकार॥
अधरों पर हरि नाम है,मन में कटुता भाव।
पार तरे कैसे कहो,भव सागर से नाव॥
धर्म पंथ की आड़ में,चलती मुहिम विशेष।
धर्म नाम पर हो रहा,धर्म छोड़ सब शेष॥
धर्म नाम पर चल रहा,जब तक युद्ध परोक्ष।
तब तक मिल सकता नहीं,मानवता को मोक्ष॥
राम खुदा के नाम पर,रच-रचकर षडयंत्र।
जाप रहा है आदमी,केवल माया मंत्र॥
कर्महीन संसार में,धर्म बना व्यापार।
मठाधीश कहला रहे,असुरों के सरदार॥
मूल्यों के निर्वहन में,जो भी रहा समर्थ।
उसने ही जाना सदा,इस जीवन का अर्थ॥
‘बंसल’ तो करता यही,विनती एक विशेष।
छल कटुता की भावना,रहे नहीं मन शेष॥
                                                                         #सतीश बंसल
परिचय : सतीश बंसल देहरादून (उत्तराखंड) से हैं। आपकी जन्म तिथि २ सितम्बर १९६८ है।प्रकाशित पुस्तकों में ‘गुनगुनाने लगीं खामोशियाँ (कविता संग्रह)’,’कवि नहीं हूँ मैं(क.सं.)’,’चलो गुनगुनाएं (गीत संग्रह)’ तथा ‘संस्कार के दीप( दोहा संग्रह)’आदि हैं। विभिन्न विधाओं में ७ पुस्तकें प्रकाशन प्रक्रिया में हैं। आपको साहित्य सागर सम्मान २०१६ सहारनपुर तथा रचनाकार सम्मान २०१५ आदि मिले हैं। देहरादून के पंडितवाडी में रहने वाले श्री बंसल की शिक्षा स्नातक है। निजी संस्थान में आप प्रबंधक के रुप में कार्यरत हैं।

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

भाषासारथी आशुतोष राणा को भातृशोक

Wed Aug 2 , 2017
गाडरवाड़ा। मध्यप्रदेश में वरिष्ठ कांग्रेस नेता रामेश्वर नीखरा के छोटे भाई और प्रसिद्ध फ़िल्म अभिनेता आशुतोष राणा के बड़े भाई कांग्रेस नेता प्रभात नीखरा (दादा भैया) का निधन हो गया है। उनका अंतिम संस्कार 2 अगस्त को गाडरवारा(म.प्र.) में होगा। मातृभाषा.कॉम की ओर से दादा को विनम्र श्रद्धांजलि…ईश्वर उन्हें अपने […]

पसंदीदा साहित्य

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।