जाग उठा ह्रदय मन,
खिल उठा अंतःकरण…
रोम-रोम में रास हुआ,
इस बार तुमने बहुत #गहरा छुआ…।
ह्रदय छुअन का एहसास है,
अंतरमन का ये विलाप है…
मोह का मोह से मिलाप हुआ,
हवाओं में हो कोई#तिलिस्म धुँआ…।
दूर हो पर मन के पास हो,
तुम#क्षितिज पर अम्बर-धरती का मिलाप हो….
प्यासे के कंठ की प्यास हो,
निर्भयी#बाल रस जज़्बात हो…।
अतुल्य है तेरा होना#ऐ दोस्त,
#अतुल्य है…
तुम संस्मरण,तुम स्पर्श तुम,
तुम जीवन का सार हो…।
जाग उठा ह्रदय मन,
खिल उठा अंतःकरण॥
#मशारिब अंसारी
परिचय : मशारिब अंसारी की उम्र १९ वर्ष है। आप मध्यप्रदेश के बालाघाट जिला स्थित तहसील तिरोड़ी में रहते हैं।अभी बी.एस-सी. में अध्ययनरत होकर अलग-अलग विषयों पर लिखने में रुचि है।
बहुत खूब लिखा है दोस्त
अपनी कलम कभी रुकने मत देना..
आप की दुआएं जब तक साथ रहेगी कलम का भी सिलसिला जारी रहेगा भाई