क्या तारणहार बनोगे तुम…

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kamal
रथविहीन हूँ हे गिरधर,क्या तारणहार बनोगे तुम।
बीच भंवर में नैया है,क्या अब पतवार बनोगे तुम॥
कालिंदी के कुल,कदम्ब की डाल पे बंशी बजाओगे।
या चक्र सुदर्शन धार पातकी का संहार बनोगे तुम॥
कोदण्ड उठाकर अब फिर से,क्या दाशरथि तुम आओगे।
दसकन्धर के अट्टाहास से क्या मुक्ति दिलवाओगे॥
शर-संधान चाप पर कर,क्या काल-प्रहार बनोगे तुम।
बीच भँवर में नैया है,क्या अब पतवार बनोगे तुम॥
देखो फिर से हिरण्याक्ष ने,धरा पतित कर डाली है।
अनाचार की दुर्गंधों से रहा ना कोना खाली है॥
नासिका-श्रृंग पर धर वसुधा,वाराह अवतार बनोगे तुम।
बीच भँवर में नैया है,क्या अब पतवार बनोगे तुम॥
हिरण्यकश्यप ने अब फिर से,भक्त प्रह्लाद को सताया है।
अहंकार के दैत्य का आतंक,देखो फिर से छाया है॥
खम्भ फाड़,नृसिंह रूप धर,फिर नख-धार बनोगे तुम।
बीच भँवर में नैया है,क्या अब पतवार बनोगे तुम॥
                                                                                           #कमल कान्त शर्मा
परिचय : कमल कान्त शर्मा पेशे से वरिष्ठ अध्यापक हैं। आपका निवास राजस्थान के ग्राम छापुड़ा कलाँ(जिला जयपुर) में है। आप रचनाधर्मी हैं और रावण ( दूसरा पहलू) खण्डकाव्य का लेखन जारी है।

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।