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हे ! प्रभु ,हे ! नाथ हमारे
नमन तुम्हें करती हूँ,
अपनी श्रद्धा के पुष्प सारे
अर्पित तुम्हें करती हूँ।
सारे संसार की रचना करके
तुमने ये सुन्दर जहां बनाया है,
जीव,जन्तु और प्रकृति से
इसको खूब सजाया है।
कल-कल करती बहती नदिया
और सजी हरियाली है ,
बन्दर ,ऊँट ,हिरण सबकी
चाल बड़ी मतवाली है।
झर-झर झरते झरने देखो
गीत मधुर गाते हैं,
मछली ,चिड़िया और मोर सब
झूम के हँसते ,गाते हैं।
मानव को बनाकर तुमने
ज्ञान उसे अपार दिया,
हर प्राणी को जीवन देकर
सच ,बड़ा उपकार किया।
आज प्रातः बेला में
शीश तुम्हें झुकाती हूँ ,
तुम्हारे दर्शन पाकर मैं
सचमुच धन्य हो जाती हूँ।
मैं,
धन्य प्रभु हो जाती हूँ …॥
#अनुभा मुंजारे’अनुपमा’
परिचय : अनुभा मुंजारे बिना किसी लेखन प्रशिक्षण के लम्बे समय से साहित्यिक क्षेत्र में सक्रिय हैं। आपका साहित्यिक उपनाम ‘अनुपमा’,जन्म तारीख २० नवम्बर १९६६ और जन्म स्थान सीहोर(मध्यप्रदेश)है।
शिक्षा में एमए(अर्थशास्त्र)तथा बीएड करने के बाद अभिरुचि साहित्य सृजन, संगीत,समाजसेवा और धार्मिक में बढ़ी ,तो ऐतिहासिक पर्यटन स्थलों की सैर करना भी काफी पसंद है। महादेव को इष्टदेव मानकर ही आप राजनीति भी करती हैं। आपका निवास मध्यप्रदेश के बालाघाट में डॉ.राममनोहर लोहिया चौक है। समझदारी की उम्र से साहित्य सृजन का शौक रखने वाली अनुभा जी को संगीत से भी गहरा लगाव है। बालाघाट नगर पालिका परिषद् की पहली निर्वाचित महिला अध्यक्ष रह(दस वर्ष तक) चुकी हैं तो इनके पति बालाघाट जिले के प्रतिष्ठित राजनेता के रुप में तीन बार विधायक और एक बार सांसद रहे हैं। शाला तथा महाविद्यालय में अनेक साहित्यिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेकर विजेता बनी हैं। नगर पालिका अध्यक्ष रहते हुए नगर विकास के अच्छे कार्य कराने पर राज्य शासन से पुरस्कार के रूप में विदेश यात्रा के लिए चयनित हुई थीं। अभी तक २०० से ज्यादा रचनाओं का सृजन किया है,जिनमें से ५० रचनाओं का प्रकाशन विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में हो चुका है। लेखन की किसी भी विधा का ज्ञान नहीं होने पर आप मन के भावों को शब्दों का स्वरुप देने का प्रयास करती हैं।
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Wed Jul 12 , 2017
साधन हीन, जनसंख्या विशाल.. लागे लगाम। होवे विकास, गुणात्मक संधान.. न नस्लवाद। हो हिन्दुस्तान, हिन्दुस्तानी इंसान.. हों साथ-साथ। देश विशाल, तत्परता विकास.. हों ऊर्जावान। कर्मकारी हों, सत्यमेव जयते.. हितकारी जो। भारत भूमि, जन-जन विकास.. कल्याण भव। […]
आध्यात्म से भरपूर रचना छोटी बहन अनुभा जी , ….
बहुत-बहुत बधाई बहन ।
बहुत सुंदर बधाई हो