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लोगो से मिलोगे, तभी उनकी भावनाओ को समझोगे /
जब भावनाओ को समझोगे, तभी एक दूसरे के दोस्त बनेंगे /
जब दोस्त बनेंगे तो, एक दूसरे को समझेंगे /
जब समझ जायेंगे तो, फिर निरंतर मिलते रहेंगे /
जब निरंतर मिलते रहेंगे, तो ही तो रिश्ते बनेंगे /
और जब रिश्ते कायम हो जायेंगे /
फिर एक नए परिवार का जन्म होगा /
फिर धीरे धीरे एक समाज का निर्माण होगा /
समाज निर्माण के बाद संगठन बन जायेगा ,
संगठित समाज से ही देश का निर्माण होगा /
जिसमे न कोई छोटा न कोई बड़ा , का भेद रहेगा /
तभी तो वो एक विकसित देश बन सकेगा /
जिसमे सिर्फ इंसान और इंसानियत ही जिन्दा रहेगी /
यदि ऐसा हुआ तो ही देश आगे बढ़ेगा /
और फिर विश्व में अपना नाम रोशन करेगा /
तभी हम और आप कहा सकेंगे, मेरा भारत महान /
मेरा भारत महान, मेरा भारत महान, /
जिसमे सभी का है सम्मान, इसलिए हर कोई कहता है /
की सच में भारत देश महान, भारत देश महान //
#संजय जैन
परिचय : संजय जैन वर्तमान में मुम्बई में कार्यरत हैं पर रहने वाले बीना (मध्यप्रदेश) के ही हैं। करीब 24 वर्ष से बम्बई में पब्लिक लिमिटेड कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत श्री जैन शौक से लेखन में सक्रिय हैं और इनकी रचनाएं बहुत सारे अखबारों-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहती हैं।ये अपनी लेखनी का जौहर कई मंचों पर भी दिखा चुके हैं। इसी प्रतिभा से कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा इन्हें सम्मानित किया जा चुका है। मुम्बई के नवभारत टाईम्स में ब्लॉग भी लिखते हैं। मास्टर ऑफ़ कॉमर्स की शैक्षणिक योग्यता रखने वाले संजय जैन कॊ लेख,कविताएं और गीत आदि लिखने का बहुत शौक है,जबकि लिखने-पढ़ने के ज़रिए सामाजिक गतिविधियों में भी हमेशा सक्रिय रहते हैं।
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