चाँद की चांदनी हो तुम,
सूरज की रोशनी हो तुम
सितारों की चमक हो तुम,
चूड़ी की खनक हो तुम।
सावन की फुंहार हो तुम,
प्रीतम का प्यार हो तुम
कस्तूरी की महक हो तुम,
चिरैया की चहक हो तुम।
फूलो में गुलाब हो तुम,
सुबह का ख्वाब हो तुम
भंवरे की गुंजन हो तुम,
वृक्ष में चन्दन हो तुम।
खुशबू में खास हो तुम,
गुड़-सी मिठास हो तुम
इंद्रधनुष की रंगत हो तुम,
बसंत की संगत हो तुम।
आशा और विश्वास हो तुम,
ज़िन्दगी की श्वांस हो तुम
ओस जैसी पावन हो तुम,
मधु-सी मनभावन हो तुम।
कवि की कल्पना हो तुम,
महेन्द्र की प्रेरणा हो तुम
मेरा रब हो तुम,
मेरा सब हो तुम।
जो भी हो तुम,
लाज़वाब हो…तुम॥
#महेन्द्र तोमर
परिचय:महेन्द्र तोमर का वर्तमान निवास आष्टा (जिला सिहोर,म.प्र.) है।आपने प्रारम्भिक शिक्षा स्नातकोत्तर (गणित और भौतिक) करने के साथ ही शिक्षा स्नातक,पत्रकारिता में स्नातक भी किया है। वर्तमान में गणित और भौतिक शास्त्र का अध्यापन शाउमावि खड़ी (आष्टा)में कराते हैं। साथ ही शिक्षक संघ म.प्र. जिला अध्यक्ष सिहोर तथा स्वदेशी जागरण मंच के तहसील संयोजक भी हैं। साहित्यिक क्षेत्र में कविता,लेख,छोटी कहानी आदि का लेखन करते हैं।