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करोगे अगर योग,योगी बनोगे,
रोगों को हराकर निरोगी बनोगे।
जीवन में जरा योग अपना के देखो,
जो जीते स्वयं को,वो जोगी बनोगे।
सरल राह जीवन की होती रहेगी,
कभी भी नहीं आप भोगी बनोगे।
दुखों से बहुत दूर होता है योगी,
जो ढोए सुखों को,वो बोगी बनोगे।
इसी योग से झरती अमृत की धारा,
‘सोनू’ इस को पीकर सुयोगी बनोगे।
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