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1]बस्ता सब बच्चों पर भारी है।
पढ़ना-लिखना जब लाचारी है।
शिक्षा इक ऊँचा मंसूबा है,
इसका लेकिन खर्चा भारी है।
पूरब पर पश्चिम का रुतबा पर ,
ये पीढ़ी उसकी आभारी है ।
पढ़े लिखों में बिसरी बेगारी,
अनपढ़ अनगढ़ सत्ताधारी है।
लायक सारे नाप रहे रस्ते,
न-लायक की खातिरदारी है॥
#नवीन माथुर पंचोली
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