हिन्दी विश्व में भारत का परिचय- राजीव नेमा

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हिन्दी है राष्ट्र वाहिनी- श्री सत्तन

इन्दौर। विश्व हिन्दी दिवस के अवसर पर श्री मध्यभारत हिन्दी साहित्य समिति व मातृभाषा उन्नयन संस्थान के संयुक्त तत्त्वावधान में बुधवार को समारोह आयोजित हुआ जिसमें
समारोह की अध्यक्षता राष्ट्रकवि एवं समिति के सभापति सत्यनारायण सत्तन ने की व आयोजन में मुख्य वक्ता अमेरिका से पधारे फ़िल्म अभिनेता राजीव नेमा रहे।
दीप प्रज्ज्वलन उपरांत अतिथियों का स्वागत राकेश शर्मा, राजेश शर्मा, जयसिंह रघुवंशी, जलज व्यास, रमेश शर्मा ने किया। सरस्वती वंदना मणिमाला शर्मा ने की। समिति का परिचय डॉ. चित्रांगदा शर्मा व संस्थान परिचय अनुपमा समाधिया ने दिया। स्वागत उद्बोधन मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ ने दिया।
इसके उपरांत शताब्दी की ओर अग्रसर ‘वीणा पत्रिका’ के जनवरी अंक राम विशेषांक व समिति के कैलेण्डर का लोकार्पण हुआ, साथ में कालिंदी की पुस्तक सर्वदायिनी पदयात्रा का विमोचन हुआ।

‘हिन्दी की वैश्विक स्थिति’ विषय पर व्याख्यान देते हुए मुख्य वक्ता अमेरिका से पधारे फ़िल्म अभिनेता राजीव नेमा ने इंदौर के अमेरिकीकरण से बात शुरू करते हुए कहा कि ’आज छोटे से मोबाइल से दुनिया नाप रहे हैं हम और हमारी हिन्दी। अमेरिका में सहज हो गई है अब हिन्दी और विश्व में भी हिन्दी हमारे देश की तरह मज़बूत हो रही है।’

इस बीच कवि सम्मेलन शताब्दी वर्ष के निमित्त मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा अंतरराष्ट्रीय कवि प्रो. (डॉ.) राजीव शर्मा को ’स्वर्णाक्षर सम्मान’ से सम्मानित किया गया।

अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में राष्ट्रकवि सत्यनारायण सत्तन जी ने हिन्दी को भारत की बिंदी बताते हुए कहा कि ‘जिसके प्रत्येक शब्द में अलग महत्त्व, ऊर्जा और संवाद है, जो अन्य किसी भाषा में संभव नहीं हैं। हिन्दी राष्ट्रवाहिनी है।’
प्रथम सत्र का संचालन अखिलेश राव ने किया और अंत में आभार समिति के प्रचार मंत्री हरेराम वाजपेयी ने व्यक्त किया।

इसके बाद दूसरे सत्र में आयोजित काव्य उत्सव में तिल्लोर से आकाश कुमार, इन्दौर से शिवम सिंह, रिया मोरे, निहारिका प्रजापति, अंशुक द्विवेदी, बड़ूद से पारस बिरला, भीकनगाँव से कृष्णपाल सिंह राजपूत, सनावद से मुजीब अमन और बड़वानी से नितेश कुशवाह ने काव्य पाठ किया।
आयोजन में इन्दौर प्रेस क्लब के अध्यक्ष अरविंद तिवारी, महाराष्ट्र साहित्य सभा के अध्यक्ष अश्विन खरे, समिति की साहित्य मंत्री डॉ. पद्मा सिंह, वरिष्ठ पत्रकार कीर्ति राणा, अर्थ मंत्री राजेश शर्मा, परीक्षा मंत्री उमेश पारिख, उमेश नेमा, गिरेन्द्र सिंह भदौरिया, संस्थान की कोषाध्यक्ष शिखा जैन, प्रदीप नवीन, संतोष मोहंती, सदाशिव कौतुक, संध्या राणा आदि मौजूद रहे।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।