दिल से देता हूँ वोट

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jaswant
किसी की नहीं सुनता मैं ये , आज कह रहा ।
मैं दिल से देता हूँ वोट , पैसों से नहीं ,
मेरा वोट है मेरा हक , शान से कह रहा ।।
ये चुनावी हथकंडे है , ये तो रोज आएंगे ,
ये हाथो को जोड़ कर , हमारे पाँव दबाएंगे ।
इन लोगो की बातो में , तुम कभी ना आना ,
ये हाथ जोड़ने वाले फिर , हमको दबाएंगे  ।।
राजनीति के ये चोंचले है , सम्भल जाओ तुम ,
मीठे-मीठे है बोल इनके , सम्भल जाओ तुम ।
ये आज बोल रहे , कल चुप्पी साधेंगे ,
ये राजनीतिक जुमला है , सम्भल जाओ तुम ।।
काका , दादा और भैया  , तुम्हे कह के बुलाये ,
चन्द पैसो का लालच देके , तुम्हे पास बुलाये ।
पल भर में बदल देते है  ये , अपना यह रुप ,
एक साइन करने के लिए , रोज दफ्तर बुलाये ।।
इनका कोई सगा नही, कोई दोस्त नही है ,
बस पैसे के भूखे है , सिर्फ  होश यही है ।
इनको नही मतलब तुमसे , जीत जाए तो ,
ये चुनावी गिरगिट है,  इनका दोष नहीं है ।।
वोट पर है अधिकार , देना तोल-मोल के ,
गलती से भी ना देना ,कभी बोतल खोल के ।
एक वोट तुम्हारा बनाता है, अच्छी सरकार ,
फिर पांच साल तक , जीना दिल खोल के ।।
सफेद कुर्ते वाले रोज , मिल ही जाते है ,
राजनीति के दाव पेंच  , लड़ ही जाते है ।
इन सबका नुकसान , आम आदमी भरे ,
ये राजनेता रोज नए , पकवान खाते है ।।
” जसवंत ” कहे ,  राजनीति बुरी नही है ,
इन नेता  की ईमानदारी , पूरी नही है ।
स्वच्छ राजनीति अपना ले तो, बात ओर बने ,
सोने की चिड़िया बने भारत , दूरी नहीं है ।।

नाम – जसवंत लाल बोलीवाल ( खटीक )

पिताजी का नाम – श्री लालूराम जी खटीक ( व.अ.)

माता जी का नाम – श्रीमती मांगी देवी

धर्मपत्नी – पूजा कुमारी खटीक ( अध्यापिका )

शिक्षा – B.tech in Computer Science

व्यवसाय – मातेश्वरी किराणा स्टोर , रतना का गुड़ा

राजसमन्द ( राज .)

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।