भावों की तरंगे काव्य संग्रह भावनाओं की उन्मुक्त उड़ान है-डॉ. पदमा सिंह

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*भावों की तरंगे काव्य संग्रह ऑनलाइन लोकार्पित*

इन्दौर। संस्था अखंड संडे के तत्वावधान में बैंगलोर की लेखिका विजया रिंगे की तीसरी पुस्तक भावों की तरंगे काव्य संग्रह का 84 वां ऑनलाइन लोकार्पण किया गया।     
इस अवसर पर समिति की साहित्य मंत्री ने डॉ. पदमा सिंह ने कहा कि भावों की तरंगे काव्य संग्रह लेखिका की भावनाओं की उन्मुक्त उड़ान है। लेखिका ने समसामयिक विषयों के साथ आधुनिक समाज की परंपराओं से जुड़े विषयों पर भी सृजन किया है।      
डॉ. सुधा चौहान ने कहा कि इस संग्रह की कविताएँ लेखिका के अंतर्मन के जज़्बातों का संप्रेषण है। ये संग्रह भावों की तरंगे लेखिका के अंतर्मन से निकली भावनाओं की प्रबल धारा का प्रवाह है। उनकी हर रचना की पंक्तियों में इसे महसूस किया जा सकता है।  अधिवक्ता अनिता पाण्डे ने कहा कि लेखिका ने अपने हृदय सागर में उमड़ने वाली भावों की तरंगों को सहज सरल शब्दों में अभिव्यक्त किया है। मुकेश इन्दौरी ने कहा कि संग्रह में अधिकांश रचनाएँ धार्मिक एवं राष्ट्रीय भावनाओं से ओतप्रोत विषयों पर जो कि युवाओं के लिए प्रेरणादायी हैं।

इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार मुंबई से वीनु जमुआर , देवपुत्र संपादक गोपाल माहेश्वरी, डॉ रवीन्द्र पहलवान, प्रसंग रिंगे, दिनेश तिवारी उपवन, जनक कुमारी बघेल, सुषमा मोघे, आशा जाकड़,   किर्तिश धामारीकर, देवीलाल गुर्जर, डॉ शशि निगम,  नवनीत जैन,  सुषमा मोघे, श्याम बैरागी, राधा सुबेदार,  रत्न प्रभा पोरवाल, नवनीत जैन, आदि कई साहित्यकार उपस्थित थे
       

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आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।