अंतरराष्ट्रीय आरिणी साहित्य समागम में डाॅ दवे और मुकेश तिवारी सम्मानित

0 0
Read Time6 Minute, 3 Second

भोपाल । हिन्दी पखवाड़े के अंतर्गत आरिणी चैरिटेबल फाउंडेशन, भोपाल ने अंतर्राष्ट्रीय साहित्य समागम 2022 का आयोजन किया । जिसके अंतर्गत सम्मान समारोह, पुस्तक विमोचन समारोह एवं वैश्विक परिदृश्य में हिन्दी विषय पर व्याख्यान सुनने को मिला । कार्यक्रम का आयोजन 12 सितंबर 2022 को शाम 5.30 से दुष्यंत कुमार स्मारक पाण्डुलिपि संग्रहालय में किया गया । कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार एवं साहित्य अकादमी, भोपाल मप्र के निदेशक डॉ विकास दवे जी ने की। आपने कहा कि किसी भी कार्यक्रम की सार्थकता इस पर निर्भर करती है कि वह लोगों को हिन्दी के प्रयोग के लिए कितना प्रोत्साहित कर सका है। आज जब कि हिन्दी दिवस की जगह हिन्दी मास मनाने का चलन चल पड़ा है तब आवश्यकता है कि हम पूरे वर्ष को ही हिन्दी वर्ष की तरह मनायें।

मुख्य अतिथि के रूप आमंत्रित हैं वरिष्ठ साहित्यकार, अभिनेता एवं पत्रकार श्री कपिल कुमार जी, जो कि बेल्जियम से पधारे थे, उन्होंने कहा कि हर प्रवासी भारतीय को हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिए कार्य करना चाहिए ।

कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि रमा शर्मा पूर्णिमा, जापान, जो कि एक वरिष्ठ साहित्यकार हैं एवं हिन्दी की गूंज, अंतर्राष्ट्रीय पत्रिका की मुख्य संपादक भी हैं , ने कहा कि बच्चों के दिलो दिमाग में हिन्दी के प्रति प्रेम एवं सम्मान जाग्रत करने की आवश्यकता है। इसलिए उन्हें बचपन से ही मातृभाषा में दक्ष बनाने की कोशिश करनी चाहिए।

सारस्वत अतिथि हैं जर्मनी के इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाॅलिस्टिक रिसर्च एंड वाॅलिंन्ट्री एक्शन की मारला ईमरल ने कहा कि दिलों में देश प्रेम एवं हिन्दी प्रेम धड़कनों की तरह होना चाहिए।

नोएडा से पधारे वरिष्ठ साहित्यकार एवं सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारी डॉ कमल टाॅवरी ने कहा कि जीवन में व्यंग्य की आवश्यकता है। साथ ही साथ यह भी कहा कि हमें समस्या की जगह समाधान जन जन को सुझाना चाहिए।

कार्यक्रम का आरंभ प्रमिला झरबडे द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना से हुई। आभार मधूलिका सक्सेना ने प्रकट किया एवं सरस संचालन किया भोपाल के वरिष्ठ साहित्यकार गोकुल सोनी ने।

समारोह में चार पुस्तकें लोकार्पित की गयीं । लघुकथा संग्रह ‘उन्मेष’, जिसमें कि पूरे भारतवर्ष के प्रसिद्ध लघुकथाकारों द्वारा लिखित लघुकथाओं को शामिल किया गया है साथ ही साथ लघुकथा के सशक्त हस्ताक्षर कहे जाने वाले प्रबुद्ध साहित्यकारों के लघुकथा से संबंधित लेख भी शामिल हैं और साथ ही साथ समस्त शामिल लघुकथाकारों का विस्तृत जीवन परिचय भी। इस पुस्तक का संपादन डॉ मीनू पाण्डेय नयन नेे किया है एवं समस्त रुपरेखा विकसित करने में अति विशिष्ट सहयोग रहा है, सहसंपादक मनोरमा पंत का।

दूसरी पुस्तक जो विमोचित हुई वो है कपिल कुमार की हिन्दी एवं उर्दू में लिखी पुस्तक पल्वशा।

जापान से पधारीं रमा शर्मा जी की दो पुस्तकें ‘मुरझाए फूल और आतप जीवनम’ भी इस समारोह में विमोचित की गई ।

इस गरिमामयी आयोजन में डाॅ विकास दवे, कपिल कुमार, रमा शर्मा पूर्णिमा, मारला ईमरल एवं डॉ कमल टाॅवरी को अन्तरराष्ट्रीय आरिणी साहित्य सेवी सम्मान से सम्मानित किया गया।

लघुकथा संग्रह उन्मेष में शामिल सभी लघुकथाकारों कल्पना विजय, जया आर्य, डॉ रंजना शर्मा, मधूलिका सक्सेना, शेफालिका श्रीवास्तव, हंसा श्रीवास्तव, मधूलिका श्रीवास्तव, प्रेक्षा सक्सेना, कांता राॅय, गोकुल सोनी, मुजफ्फर इकबाल सिद्दीकी, मुकेश तिवारी, लीना वाजपेयी, चित्रा चतुर्वेदी, मृदुल त्यागी एवं डॉ साधना शुक्ला आरिणी उन्मेष सम्मान 2022 से सम्मानित किया गया।

सभी आमंत्रित वक्ताओं के वक्तव्य के बाद भोपाल की प्रमुख साहित्यिक संस्थाओं दुष्यंत कुमार स्मारक पाण्डुलिपि संग्रहालय, तुलसी साहित्य अकादमी, वरिष्ठ नागरिक मंच, हिन्दी लेखिका संघ, लघुकथा शोध केंद्र, अखिल भारतीय कलामंदिर, बज्म़ ए अफ़सांचा, भोपाल, द्वारा सभी आमंत्रित अतिथियों का स्वागत किया गया ।

matruadmin

Next Post

राहुल बारपुते पर केन्द्रित 'समागम' विमोचित

Fri Sep 16 , 2022
इंदौर। हिंदी पत्रकारिता के शीर्षस्थ संपादक स्वर्गीय श्री राहुल बारपुते के व्यक्तित्व एवम कृतित्व पर पत्रकारिता एवम जनसंचार अध्ययनशाला, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय द्वारा हिंदी दिवस पर एक विमर्श का आयोजन किया गया । इस अवसर पर शोध पत्रिका समागम का बारपुते जी पर केंद्रित विशेष अंक ‘हिंदी पत्रकारिता के बाबा’ […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।