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गुरु से पाया
जग ने सदा ज्ञान
करें प्रणाम ।
जल है दाता
जीवन प्रवाह का
सहेज आज ।
धरा का धैर्य
मां-पिता समर्पण
हो आत्मसात ।
अन्न दाता ने
हरित की धरती
भूखा ही सोए ।
नारी जीवन
रिश्तों की सूत्रधार
त्याग अपार ।
संध्या रामप्रसाद पाण्डेय
अलीराजपुर (मध्यप्रदेश)
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