अनुरंजित
भू आकाश त्रिकाल
सूर्य प्रखर ॥१॥
खग विहंग
कल्ररव नीरव
मधुरतम ॥२॥
पादप गण
फल छाया से भरे
संत साधना ३॥
तटीनी बहे
शांत वेग वाहिनी
तपसन सी ॥४॥
संध्या बिखरी
विमान लाल गोल
सूर्य शीतल ॥५॥
सुरभि सपन जैन
अलीराजपुर, मध्यप्रदेश
साहित्यकार परिचय
नाम – श्रीमति सुरभि सपन जैन
पिता – श्री विनोद कुमार जी जैन सराफ
माता- श्रीमती प्रभा विनोद जैन
विवाहित/अविवाहित – विवाहित
पति-श्री सपन जैन काकडीवाला
जन्म दिनांक -१०-५-७९
शिक्षा. बी ए
कार्यरत संस्थान – मातृभाषा उन्नयन संस्थान सदस्य (म.प्र.)इकाई
साहित्य लेखन में विधा – कविता ,भजन ,गीत
प्रकाशित स्वयं की पुस्तक संख्या-
साझा संग्रह में प्रकाशित पुस्तक संख्या -३
रचनाओं का प्रकाशन कुल –
मंचीय प्रस्तुति स्वरचित रचनाओं की -३-४
उपलब्धियां साहित्य क्षेत्र में *
राष्ट्रीय स्तर –
अंतरराष्ट्रीय स्तर –
प्रदेश स्तरीय –
साहित्य उपलब्धि सम्मान*
सम्मान वर्ष ,किस विधा में –
दिए जाने वाले सम्मान का विवरण
१ हिन्दी काव्य कोष द्वारा आयोजित
राष्ट्रीय काव्य प्रतियोगिता मे प्रथम पॉंच में चयनित २०१९-२०
2.शब्द सुरभि साहित्य कला विकास ट्रस्ट दाहोद द्वारा आयोजित
श्री राम तत्व स्वरचित काव्य स्पर्धा में पंचम स्थान २०२१
3.राष्ट्रीय कवि संगम द्वारा आयोजित श्री राम काव्य पाठ में ज़िला व प्रांत स्तर की प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार २०२१
4.मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा कोरोना काल में हिंदी माह सितम्बर में कई विधाओं में लेखन करने पर e-प्रमाणपत्र प्रेषित२०२०-२१
5.भाषाओं का ज्ञान – हिन्दी, संस्कृत, अंग्रेज़ी
क्षेत्रीय बोली – मालवी
अन्य रुचि – चित्रकला, संगीत सुन ना ,गद्य पद्य लेखन ,पाककला, हस्त कला ,समाज सेवा ,स्वाध्याय….इत्यादि।