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अपनों को भुलाना,,,
बड़ा मुश्किल है दिल से गम मिटाना।l
कि जब सब लोग मारेंगे मुझे तो,,,
सनम तुम भी जरा पत्थर उठाना।।
उतर जाऊं सभी की मैं नज़र से,,,
गिराना तो मुझे इतना गिराना।।
भुला दूं सब गमों को आज साकी,,,
मुझे तू आज जी भर के पिलाना।।
मुहब्बत कर सकी ना ठीक से तू,,,
सुनो नफरत जरा दिल से निभाना।।
अभी न रो अभी जिन्दा ‘लकी’ है,,.,
कभी मर जाऊं तब आंसू बहाना।।
#लकी निमेष
परिचय : लकी निमेष रोज़ा- जलालपुर ग्रेटर नॉएडा(उ.प्र.) में निवास करते हैं | कविताएँ लिखना आपका शौक है|
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