लिखने को आयेगा…।

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जो मोहब्बत को दूर से देखता है।
उसे ये बहुत अच्छी लगती है।
और जो मोहब्बत करता है
उसे मोहब्बत जन्नत लगती है।।

जिंदगी का सफर यूँही कट जायेगा।
जिंदगी का उतार चड़ाव भी
पुरुषात से निकल जायेगा।
पढ़ना है यदि खुदको तो
दर्पण के समाने खड़े हो जाना।
और स्वयं के मंजिल को
अपने अंदर गुन गुना।।

आज के दौर में सभी को
राम श्याम चाहिए।
पर खुद सीता राधा और
मीरा बनने को तैयार नहीं।
वाह री दुनियां और इसे लोग
कुर्बानी सामने वाले से चाहिए।
और यश आराम खुद को
बिना परिश्रम किये चाहिए।।

मेरे दिलकी पीड़ा को
कभी पड़कर देखो।
दिलकी गैहाराईयों में
तुम उतरकर देखो।
तुम्हें प्यार की जन्नत
और बिछी हुई चांदनी।
और बाग में खिले हुये
गुलाब नजर आयेंगे।।

किसी दिल वाले से
दिल लगाकर देखो।
अपनी भावनाओं को
उसे बताकर तुम देखो।
वो प्यार के सागर में
तुम्हें वो डूबो देगा ।
और एक कमल तुम्हारे
दिलमें खिला देगा।
तब तुम्हें अपनी और उसकी
मोहब्बत का एहसास होगा।।

कभी खुदमें सीता का
रूप तुम देखोगी तो।
तुम्हें अंदर से राम ही
राम नजर आयेंगें।
और मोहब्बत के दीप
तुम्हारे दिलमें जल जायेंगे।
और तुम्हारी मोहब्बत को
लिखने संजय जरूर आयेगा।।

जय जिनेंद्र देव
संजय जैन “बीना” मुंबई

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।