रास्ते हैं जुदा इबादत के

0 0
Read Time4 Minute, 58 Second
harivallabh sharma
हम तरफदार थे रिफ़ाक़त के।
वो मआनी हुए रकाबत के।
~~
दर्से तहजीब क्या पढ़ायें हम,
वो परस्तार खुद लियाक़त के।
~~
खुद ही शहतीर कूदकर आते,
औहदेदां हैं जो क़यादत के।
~~
छल-फरेबों का बोलबाला है,
अब ज़माने कहाँ सदाक़त के।
~~
जिनसे उम्मीद थी शराफत की,
बीज बोते दिखे बगाबत के।
~~
सरहदें लाँघती हिमाकत अब,
कैसे रिश्ते चलें लताफ़त के।
~~
मोजज़ा हो, बची रहे दुनियाँ,
हाल तारी तो हैं कयामत के।
~~
है नहीं ख़्याल कुछ रियाया का,
दिन करीबी दिखें निज़ामत के।
परिचय
नाम- हरिवल्लभ शर्मा
माता- स्व. श्रीमति मथुरादेवी शर्मा
पिता- स्व. श्री अवधलाल शर्मा 
पत्नि- श्रीमति सीमा शर्मा
 
शिक्षा- स्नातकोत्तर (वनस्पति शास्त्र), स्नातकोत्तर डिप्लोमा- क्रिमिनोलॉजी एंड फॉरेंसिक साइंस।
कार्यक्षेत्र- सेवा निवृत्त अधिकारी म.प्र. पुलिस। स्वतन्त्र रचनाकार I
लेखन विधाएं- छान्दस काव्य, गीत, गजलें, मुक्तक, मुक्त छन्द, आलेख, एवं समीक्षा।
प्रकाशन- गीत साझा संग्रह “नेह के महावर”, रेड ग्रेब बुक्स इलाहाबाद से प्रकाशित साझा संग्रह “दोहा प्रसंग”। अंतरा शब्द शक्ति के साझा ग़ज़ल संग्रह “गुँजन”। तुलसी साहित्य अकादमी भोपाल के साझा संग्रह “काव्य-कुँज” में गज़लें।
पत्रिकाएँ- वीणा, सोचविचार, साहित्य सरोज, सत्य की मशाल, कर्मनिष्ठा, काव्य रांगोली, अनुभूति अभिव्यक्ति आदि में लगातार रचनाएँ प्रकाशितI
समाचार पत्र- दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, दैनिक लोकजंग, एवं अन्य पत्र – पत्रिकाओं में लगातार प्रकाशन। 
वर्ष 2012 से फेसबुक व्हाट्स एप्प समूहों में नियमित लेखन। कुछ समूहों के एडमिन सदस्य।
काव्य एवं ग़ज़ल संग्रह शीघ्र प्रकाशनीय I
सम्मान-सरस्वती प्रभा सम्मान – म. प्र. प्रभात साहित्य एवं कला परिषद भोपाल, 
“कवितालोक रत्न” अखिल भारतीय कवितालोक द्वारा,
“काव्य श्री” अखिल भारतीय कवितालोक द्वारा,
“साहित्य शिरोमणि” 2017 सत्य की मशाल भोपाल द्वारा,
साहित्यकार सम्मान, वर्ष 2016 एवं 2017, ओबीओ साहित्योत्सव भोपाल द्वारा,
‘ओबीओ साहित्य रत्न’ सम्मान 2017, ओपन बुक्स ऑन लाइन समूह अखिल भारतीय संगोष्ठी देहरादून,
“ओबीओ साहित्य श्री” सम्मान 2018 ओबीओ चेप्टर भोपाल द्वारा,
“अन्तरा शब्द शक्ति सम्मान’ 2018 मातृ भाषा उन्नयन संस्थान- हिंदी ग्राम समन्वयक द्वारा, “कवि” सम्मान 2015, नेशनल बुक ट्रस्ट एवं श्रद्धा महिला मंडल रायसेन,
प्रतिभा अभिनंदन एकलव्य सम्मान बाबई 2010, आदि सम्मान एवं पदेन कार्य के समय सम्मान एवं प्रशस्तियाँ I
अन्य उप्लब्धियाँ- 
मध्य प्रदेश लेखक संघ भोपाल, म.प्र. की प्रतिष्ठित साहित्यिक सांस्कृतिक संस्था कला मंदिर भोपाल, म.प्र. प्रभात साहित्य परिषद् भोपाल, भारतीय साहित्य परिषद् भोपाल, एवं भोपाल साहित्य जगत के कई समूहों में आजीवन सदस्य रहकर सक्रिय भागीदारी। सामाजिक उत्थान हेतु समय समय पर संगठनों के साथ कार्य। 
फीचर फिल्म ‘सच- इट्स अवर व्यू’ में मुख्य भूमिका में अभिनय I
लेखन का उद्देश्य- सामाजिक सरोकारों से जुड़े मुद्दों का त्वरित रेखांकन, जनचेतना, एवं साहित्यिक सेवा।
लेखन के प्रति विचार: साहित्य समाज का दर्पण होता है, समाज को जागृत करना, हिन्दी साहित्य के ज़रिये मातृ भाषा को सशक्त करना। विलुप्त होती सनातन शास्त्रीय विधाओं के प्रति जागरण। 
पता-भोपाल, मध्य- प्रदेश

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

काला कोट बिक रहा.....

Thu Jul 12 , 2018
जमाने मे कौन समझदार है जिसको भी  देखो  गद्दार है सरेआम घूमता गुंडा भी देखो हथकड़ी में जकड़ा कहां गिरफ्तार है पसीना भी ऐसे निकलने लगा है वक्त की तेज सबसे  रफ्तार  है लड़ाई ये झगड़े हड़तालों का खेल उदासीन बहुत ही  ये सरकार है अमन चैन खोया ना शान्ति […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।