तेरी याद आई,तेरे जाने के बाद,
तुझे ढूंढा मैंने,तुझे जाने के बाद।
लौट आओ अपने घर पर जल्द,
कभी न लड़ेंगे,तेरे आने के बाद।।
जरा सी बात पर घर छोड़ा न करो,
हर बात का बतंगड़ बनाया न करो।
होती रहती हैं मियां बीबी मे ऐसी बाते,
इस तरह से घर छोड़ कर जाया न करो।।
कोरोना काल है,रहो अपने ही घर पर,
जाओ न छोड़ के घर,किसी के दर पर।
कोई न करेगा अब देखभाल तुम्हारी
सब कुछ मिलेगा,तुम्हे अपने ही घर पर।।
हम लोग लड़ेंगे,सब लोग तमाशा देखेंगे,
बिना टिकट के सभी तमाशा भी देखेंगे।
मेरी इल्तिज़ा है ये करो न कभी तमाशा,
घर में बैठे ही दूसरे हमारा तमाशा देखेंगे।
आर के रस्तोगी
गुरुग्राम