एक नायिका के अंगो की उपमाएं

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ये यौवन क्या है तुम्हारा,
उमड़ता हुआ है समंदर।
डर लगता है इससे मुझको,
कहीं डूब न जाऊं मै अंदर।।

ये काली जुल्फे है तुम्हारी,
काली घटा भी इनसे हारी।
इनको जब तुम झटकती,
बिजली इनके आगे मटकती।।

ये आंखे क्या है तुम्हारी,
नीली झील से भी गहरी।
नौका विहार करूं मै इसमें,
जो दुनिया देखे मुझे सारी।।

ये मस्तक है जो तुम्हारा,
चमकता हुआ है सितारा।
इसमें सलवटे जब पड़ती,
बिजली भी इससे डरती।।

ये नाक क्या है तुम्हारी,
तोते से भी बहुत प्यारी।
इसमें नथ ऐसे चमकती,
मोती की तरह है दमकती।।

ये कान क्या है तुम्हारे,
तितलियों के पर है जैसे।
जब बालिया इनमें लटकाती,
तितलियां भी शरमा जाती।।

ये आवाज क्या है तुम्हारी,
कोयल से ज्यादा है प्यारी।
सुनता है जब कोई इनको,
दुनिया भूल जाता है सारी।।

ये होठ क्या है तुम्हारे
सारे गुलाब भी इनसे हारे।
अगर चूम लेता इनको कोई,
संकट मिट जाते उसके सारे।।

ये गरदन क्या है तुम्हारी,
सुराही भी इससे है हारी।
पीतीं जब कोई तुम शर्बत,
दंग हो जाते सब नर नारी।।

ये कपोल क्या है तुम्हारे
गुलाब भी फिरते मारे मारे।
जब इन पर हाथ कोई फिराता,
गुलाब के फूलो का आभास पाता

ये चाल क्या है तुम्हारी,
हिरणी की चाल इससे हारी।
होता अगर मै भी हिरण,
करता तुम पर मै सवारी।।

ये दांत है जो तुम्हारे
मोती भी इनसे है हारे।
जौहरी मै अगर होता,
माला इनकी एक पिरोता।।

आर के रस्तोगी
गुरुग्राम

matruadmin

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सीने से लगाकर तुमसे बस इतना ही कहना है। की मुझे जिंदगी भर तुम अपनी बाहों में रखना।। मेरी साँसों में तुम बसे हो दिलपे तुम्हारा नाम लिखा है। मैं अगर खुश हूँ मेरी जान तो ये एहसान तुम्हारा है…।। मुझे आँखो में हरपल तेरी ही एक तस्वीर दिखती रहती […]

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।