राष्ट्रीय आंचलिक साहित्य संस्थान मे महाकविसम्मेलन संपन्न हुआ

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भारत की एकमात्र रजिस्टेर्ड संस्था ‘राष्ट्रीय आंचलिक साहित्य संस्थान’ निशुल्क निस्वार्थ भाव से साहित्य की सेवा करती हुई पूरे भारत मे अपना अलग पहचान बनायी हुई है! इस संस्था मे महाकविसम्मेलन का आयोजन तारीख 09/06/2021 शाम 03:30 PM से 7:45 PM तक *ZOOM APPS* पर किया गया ! जिसमे विशिष्ट अतिथि के रुप मे पूर्व सांसद, प्रोफेसर, वरिष्ठ साहित्यकार श्री प्रोफेसर ओमपाल सिंह निडर जी ने भाग लिया एव अपनी साहित्यिक प्रतिभा से सभी का मन मोह लिया ! सरस्वती वंदना से सम्मेलन की शुरुआत सरस्वती मिश्रा जी के खुबसूरत माँ वागेश्वरी की वन्दना से किया गया ! एव संस्था सम्मेलन का उध्घाटन संस्था के संस्थापक सह राष्ट्रीय अध्यक्ष नवलपाल प्रभाकर ‘दिनकर’ जी के द्वारा किया गया! कार्यक्रम की व्यवस्था राष्ट्रीय महासचिव रुपेश कुमार जी के द्वारा किया गया एव पूरी कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ कवयित्री सह बिहार की अध्यक्ष श्रीमती बबिता सिंह जी के कर कमलों से किया गया ! साथ मे श्रीमती वेद् स्मृति कीर्ति जी भी मौजूद रही एव बबिता जी का साथ निभायी यानी संचालिका बबिता जी के साथ कदम से कदम मिलाते हुए पूरे कार्यक्रम मे हौसला अफ़जाई करती रही ! इसमे हमारे निम्न साहित्यकार रजनी वर्मा,भोपाल, डाॅ•मधुकर राव लारोकर, बेंगलोर (कर्नाटक), वीना आडवाणी “तन्वी” नागपुर, गीता पाण्डेय अपराजिता रायबरेली, गरिमा विनित भाटिया अमरावती महाराष्ट्र, डॉ मंजु गुप्ता , वाशी , नवी मुंबई, आशा श्रीवास्तव भोपाल,भास्कर सिंह माणिक, कोंच, आशीष भारती, सहारनपुर (उत्तर प्रदेश), डा.राधा वाल्मीकि, पंतनगर उत्तराखंड, ऋतु गर्ग, भारती सुजीत बिहानी, सिलिगुड़ी, आशा बंसल, सिलिगुड़ी, निशा गुप्ता, सिलिगुड़ी, सुनीता कुमारी प्रसाद, डॉ रमणीक शर्मा अंबाला हरियाणा, नेतलाल प्रसाद यादव, गिरिडीह,झारखंड, नवीन नव बीगोद राजस्थान, सनुक लाल यादव, बालाघाट मध्यप्रदेशस्मिता पाल (साईं स्मिता), झारखंड, प्रीतम कुमार झा,महुआ, वैशाली, बिहार, रमा बहेड हैदराबाद, मिथिलेश कुमार सिंह वाराणसी उत्तर प्रदेश, वेदस्मृति ‘कृती’, जितेंद्र कुमार चंद्राकर छत्तीसगढ़, सुधा बसोर, गाजियाबाद, कंचन वार्ष्णेय, कवि तुलसी विश्वास, डॉ. आशुतोष (रेवाड़ी हरियाणा), आशीष पाठक “अटल “, मधुबनी, बिहारसुरेन्द्र नाथ सिंह-गाज़ीपुर-उ.प्र, कल्पना भदौरिया “स्वप्निल “उत्तरप्रदेश म्ं0, प्रोफेसर डॉ. सुनीता मिश्रा बिलासपुर छ.ग., डाँ मोहन लाल अरोड़ा , संस्था की राष्ट्रीय सचिव एव लाँ ऑफिसर सुप्रीम कोर्ट दिल्ली एडवोकेट अनुजा मनु जी लखनऊ उत्तर प्रदेश, वी अरुणा, कोलकता , भीम कुमार, झारखंड संगीता भारद्वाज, सिलिगुड़ी, ज्योति भाष्कर “ज्योतिर्गमय”, सहरसा, बिहार, कल्पना चौधरी, ऊ0 प्र0, प्रोफेसर प्रिसेस डॉ रचना सिंह”रश्मि” आगरा, अंजना सिन्हा , सीता  देवी राठी, बंगाल, गीता पांडेय, इन्दु भुवन झा, मधुबनी, एडवोकेट रिन्की गुप्ता, सिलिगुड़ी, पूर्व पुलिस अधिकारी एव वरिष्ठ साहित्यकार कामेश्वर कुमार कमेश जी ने अपनी अतुलनीय रचना से सबका दिल मोह लिए एव बिहार की अध्यक्ष बबिता सिंह जी की मनमोहन रचना ने सबको मंत्रमुग्ध कर दिया   इत्यादी ने सुन्दर प्रस्तुति देकर चार चांद लगा दी! समापन की घोषणा बिहार की अध्यक्ष सह विशिष्ठ संचालिका बबिता सिंह जी के द्वारा राष्ट्रीय महासचिव रुपेश कुमार जी को मंच पर बुलाकर किया गया ! जिसमे संस्था के बारे मे संक्षिप्त जानकारिया दी गई एव “पृथ्वी की परिकल्पना होती है बेटियाँ” रचना से समाप्ति संबोधन किया गया!

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।