महासागर की लहरों ने क्या जादू किया,
देख इसे डोले देखो मेरा जिया।
अदाओं से अपनी दिल मेरा लिया,
सागर की ……..
ऊँची ऊँची लहरे जब उठती हैं,
मन को बड़ा हर्षाए।
करके इशारे मीठे मीठे प्यारे,
हमको पास बुलाए।
पल में चुरा ले ये सबका जिया,
सागर की………
हमने ये माना हमने ये जाना,
धरती के हैं ये गहने।
नीला आँचल माँ को ओढ़ाए,
इनके क्या हैं कहने।
तन मन को हर पल शीतल किया,
सागर की……
परिवहन का जरिया हैं ये,
नदियों का हैं बसेरा।
मोतियों का भण्डार हैं ये
जीवों का है सवेरा।
फिर क्यों हमने इन्हें दूषित किया,
सागर की……….
क्रोध की ज्वाला भड़के जो इनकी,
जग में प्रलय फिर ढाए।
बर्बादी का मन्जर जग को,
महासागर दिखलाए।
देख तबाही फिर दहले जिया,
सागर की………….
कूड़ा कचरा ना सागर में डालें,
गन्दगी ना फैलाएं।
आओ हम सब मिलकर के अब,
सागरों को स्वच्छ बनाएं।
इन्होंने हमको है जीवन दिया,
सागर की ………
स्वरचित
सपना (सo अo)
जनपद-औरैया