गृहस्थ जीवन

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गृहस्थ जीवन मे बनिए
सन्त स्वभाव समान
आचरण ऐसा कीजिए
कहलाये आदर्श इंसान
अवगुणों का परित्याग कर
अपनाये सद्गुणो का ज्ञान
पवित्रता तन मन मे बसे
बन जाये साधु समान
ईर्ष्या,द्वेष,घृणा का न हो
जीवन मे कोई स्थान
परमात्मा का स्मरण कर
प्राप्त करे राजयोग ज्ञान।
#श्रीगोपालनारसन

matruadmin

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मधुशाला

Tue May 18 , 2021
लॉकडाउन की नगरी में, रंगीन हुई मधुशाला है। समझ हमें ना आता कुछ , ये कैसा गड़बड़झाला है। स्कूल कॉलेज बन्द पड़े, दुकानों में लगा ताला है। आफत के इस मौसम में, फलफूल रही मधुशाला है। कर रहे शराबी बल्ले बल्ले, ठेकेदारों का बोलबाला है। खुशी देखकर इन दोनों की, […]

पसंदीदा साहित्य

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।