भारत की माटी,हिन्दी से प्यार करें हम l
अक्षर-शब्द बसी छवि,शारद कल्याणी की..
जो बोले वह लिखें-पढ़ें, विधि जगवाणी की..
संस्कृत सुरवाणी अपना, गलहार करें हमl
असमी,उड़िया,कश्मीरी,डोगरी,कोंकणी
कन्नड़, तमिल, तेलुगु, गुजराती, नेपाली,
मलयालम,मणिपुरी,मैथिली,बोडो,उर्
पंजाबी, बांगला, मराठी सह संथाली..
सिंधी सीखें बोल, लिखें व्यवहार करें हम,
हिन्द और हिन्दी की,जय-जयकार करें हम l
भारत की माटी,हिन्दी से प्यार करें हमl
ब्राम्ही,प्राकृत,पाली,बृज,अपभ्
अवधी,कैथी,गढ़वाली,गोंडी,बुन्देली
राजस्थानी,हल्बी,छत्तीसगढ़ी,मालवी
भोजपुरी,मारिया,कोरकू,मुड़िया,नह
परजा,गड़वा,कोलमी से सत्कार करें हम..
हिन्दी और हिन्दी की, जय-जयकार करें हम,
भारत की माटी, हिंदी से प्यार करें हमl
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शेखावाटी,डिंगल,हाड़ौती,मेवाड़ी
कन्नौजी,मागधी,खोंड,सादरी,निमाड़ी
सरायकी,डिंगल,खासी,अंगिका,बज्जि
जटकी,हरयाणवी,बैंसवाड़ी,मारवाड़ी,
मीज़ो,मुंडारी,गारो मनुहार करें हम
हिन्द और हिन्दी की जय-जयकार करें हम,
भारत की माटी, हिंदी से प्यार करें हमl
देवनागरी लिपि,स्वर-व्यंजन,अलंकार पढ़,
शब्द-शक्तियाँ,तत्सम-तद्भव,संधि
गीत,कहानी,लेख,समीक्षा,नाटक रचकर,
समय, समाज,मूल्य मानव के नए सकें मढ़..
‘सलिल’ विश्व,मानव,प्रकृति-उद्धार करें हम,
हिन्द और हिन्दी की जय-जयकार करें हम..
भारत की माटी,हिन्दी से प्यार करें हम |