माता

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“माता दिवस पर मेरी रचना सभी पुत्रो की ओर से अपनी अपनी माताओं के चरणों में समर्पित है”

एक अक्षर का शब्द है माँ,
जिसमें समाया सारा जहाँ।
जन्मदायनी बनके सबको,
अस्तित्व में लाती वो।
तभी तो वो माँ कहलाती,
और वंश को आगे बढ़ाती।
तभी वह अपने राजधर्म को,
मां बनकर निभाती है।।

माँ की लीला है न्यारी,
जिसे न समझे दुनियाँ सारी।
9 माह तक कोख में रखती,
हर पीड़ा को वो है सहती।
सुनने को व्याकुल वो रहती,
अपने बच्चे की किलकारी।।

सर्दी गर्मी या हो बरसात,
हर मौसम में लूटती प्यार।
कभी न कम होने देती,
अपनी ममता का एहसास।
खुद भूखी रहती पर वो,
आँचल से दूध पिलाती है।
और अपने बच्चे का,
पेट भर देती है।।

बलिदानों की वो है जननी।
जब भी आये कोई विपत्ति,
बन जाती तब वो चण्डी।
कभी नहीं वो पीछे हटती,
चाहे घर हो या रण भूमि।
पर बच्चों पर कभी भी,
कोई आंच न आने देती।।

माँ तेरे रूप अनेक,
कभी सरस्वती कभी लक्ष्मी।
माँ देती शिक्षा और संस्कार,
तभी बच्चों का होता बेड़ापार।
ढाल बनकर खड़ी वो रहती,
हरहाल में बच्चों के साथ।
तभी तो बच्चों को,
मिलती जाती कामयाबी।।

सदा ही लुटाती बच्चों पर,
अपनी ममता स्नेह प्यार।
माँ तेरी लीला है अपरंपार,
जिसको समझ न सका संसार।
इसलिए तो कोई उतार,
न सका माँ का कर्ज।
तभी तो जगत जननी,
माँ ही कहलाती है।।

माता दिवस पर सभी को पाठको को बहुत बहुत बधाई और शुभ कामनाएं।
माताश्री के चरणों में चरण स्पर्श।
जय जिनेन्द्र देव
संजय जैन (मुम्बई)

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।