कोरोना,कॉलेज व छात्र

0 0
Read Time50 Second

हल्दी लगे न फिटकरी,रंग चोखा हो जाय।
बिन परीक्षा दिए बगैर दसवीं पास हो जाय।।

जबसे यह सुना बिन परीक्षा दिए न होगे पास।
सभी छात्र हम लगे,मन से बहुत ही उदास।।

बिन मेहनत किए जब हो जाओगे तुम पास।
किताबों और कॉलेजों में फटके न कोई पास।।

कोरोना के कारण,जब स्कूल कॉलेज बंद हो जाए।
सभी पढ़ने पढ़ाने वालो के हर तरह से मज़े हो जाय।।

होने लगी पढ़ाई ऑनलाइन पर, स्कूल कॉलेज बन्द हो जाय।
मास्टर मास्टरनी घर में बैठकर झाड़ू पोछा हर जगह लगाय।।

आर के रस्तोगी
गुरुग्राम

matruadmin

Next Post

कोरोना की मार देश में हाहाकार!

Fri Apr 30 , 2021
वाह रे देश की बड़ी-बड़ी कुर्सी पर विराजमान बड़े-बड़े जिम्मेदार। क्या कोई भी जिम्मेदारी लेगा यह सोचना ही अपने आपमें बेईमानी है। क्योंकि यह सत्य है कि कोई भी जिम्मेदारी लेने के लिए आगे कदापि नहीं आएगा। दुखद यह है कि समस्या के निराकरण पर जितना जोर देना चाहिए वह […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।