समय घबराने का नहीं बल्कि धैर्य रख कर मुस्कुराने का है,,घबराकर हम किसी भी परिस्थिति में किसी भी समय किसी भी समस्या का हल नहीं निकाल सकते है, जबकि धैर्य रखकर में हम हर परेशानी से निकल कर मुस्कुरा सकते है ,
घबराहट में या घबराने से हमारे मानसिक पटल पर अनेकों नकारात्मक विचारो का प्रसारण होने लगता है
क्या होगा,,केसा होगा,,केसे करेगे,,केसे निकलेंगे ,,केसे केसे केसे अनेकों अनेकों ,फ्लाना फलाना ,विचार हमारे मस्तिष्क में आना शुरू हो जाते है क्योंकि की हम अभी घबराए हुए हैं
अभी हमारी मुस्कुराहट सो रही है हमारा धैर्य अभी हमारे साथ नहीं है,जब हम मुस्कुराते है तो हमारे अंदर सकारात्मकता का प्रवाह होने लगता है मानसिक तनाव दूर होता है पटल पर फिर समाधान वाले विचार आने लगते है हमारे मस्तिष्क में ऊर्जा बनने लगती है जो हमें अंदर से मजबूत रखने में सहयोग करती है उस ऊर्जा शक्ति से हम किसी भी समस्या का समाधान करने में सक्षम होते है फिर हम भयभीत नहीं होते बल्कि समस्या से लड़ने या समाधान पर विचार करने लगते है जब तक समाधान वाली विचारधारा हमारे अंदर प्रवाह नहीं होती हम डर से दूर या डर हमसे दूर नहीं होता
जब हम धैर्य और मुस्कुराहट के साथ किसी समस्या पर विचार करते है तो भय,डर,चिंता, हार ,या किसी भी नकारात्मक विचार का प्रसारण आपके अंदर नहीं हो ता है
मुस्कुराकर सदेव ही हम समाधान ओर निराकरण वाली वैचारिक भूमिका में सफल होते है फिलहाल जो महामारी का दौर चल रहा है इससे अनेकों डर,अनेकों ऐसे नकारात्मक विचार हमारे अंदर रोजाना उठ रहे है जो हमारी मानसिक व्यवस्था मे तनाव और भय को नजदीक कर रहे है,,
जबकि हम स्वस्थ हैं ,घबराकर हमने जो विचार किया उस विचार ने हमें भय दिया है ओर मुस्कुराकर हम अगर कोई विचार करते है तो हमें भय नहीं हल मिलेगा,,,समाधान मिलेगा,,,,
कोराना बीमारी एक समय तक रहेगी चली जाएगी , जो आये है उसे जाना हैं ,,बस आपको उसके रहने तक मुस्कुराकर धैर्य रखना होगा,,
यही धैर्य आपको हर समय मजबूत ओर स्वस्थ बनाकर रखेगा,,,
अभी हमे अमीर ,गरीब बडा छोटा, उचा नीचा लाभ हानि कामना खर्च से ज्यादा केवल स्वस्थ रहने पर ध्यान देना है
इस समय हमारा जीवन रूपए पैसे सुख सुविधा वाले धन से नहीं स्वस्थ धन से चल रहा है या चलेगा, चल सकता है
रूपए की थैलियां देकर भी आक्सीजन नहीं मिल रही,,डॉक्टर नहीं मिल रहे अस्पतालों में बेड नहीं मिल रहे सोचे क्या काम आया यह पैसा रुपया ,
अगर आप स्वस्थ है तो सबसे बड़े धनवान है मुस्कुराहट की पूंजी अपने पास है तो आप छोटे से घर में भी जीवन सुखद जी सकते है अगर आप अस्वस्थ है तो बंगला गाड़ी भी किसी काम की नहीं बीमारी ही ऐसी है के आपको अपनो को नजदीक नहीं आने दे रही है ,इस लिए किसी भी तरह को कोई भी ऐसी विचारधारा में नहीं डूबे जिससे आप अपने आप को बीमार महसूस करे ,अपने मानसिक स्तर को नियंत्रित रख पाए इस लिए मुस्कुराए
समय संकट का है घबराने का नहीं है इस यह संकट हम घबराहट नहीं दे सके इस लिए मुस्कुराए समय सुरक्षित रहने का है स्वस्थ रहने का है मुस्कुराकर इस समस्या को भी हम हरा देंगे।
स्वस्थ रहे ,मस्त रहे,
स्वस्थ रहना प्रथम प्राथमिकता हो।
राजेश शर्मा
उज्जैन (मध्यप्रदेश)