ये लड़कियाँ

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यूँ ही नहीं ये लड़कियाँ,
कहलाती सुन्दर हैं।
उनके दिल में प्रेम का,
समाया समन्दर है।

ना मानों तो जरा सोचो,
कभी इनके बारे में।
क्या है ख़ता इनकी,
विचारो इसके बारे में।

ना छेड़ती लड़कों को,
ये चलती राहों में।
ना बोलती अपशब्द हैं,
भरे बाजारों में।

ना घूरतीं लड़कों को,
गन्दी निगाहों से।
ना रोकतीं लड़कों को,
चलती राहों में।

ना फेंकती तेजाब हैं,
दिल टूट जाने पर।
ना काटती गला कभी,
मौका आने पर।

ना खींचती दुप्पट्टे,
भरे बाज़ार में।
ना मारती सीटियां,
चलती राह में।

बेशर्मों की बेशर्मी पर,
सदा ये लजातीं हैं।
गैरों गुनाहों की,
सज़ा ये पातीं हैं।

अब छोड़ो परम्परा ये,
तोड़ो विधान ये।
भला चाहो तो अपना,
रखो बेटी का मान रे।

करके विदाई देख लो,
बेटों की एक बार।
ससुराल में कटते हैं,
कैसे दिन हज़ार।

घर देर से आए जो,
ताने लाख सुनतीं है।
पति के देर होने पर,
चिन्ता में घुनतीं है।

देना है तो अब दे दो,
थोड़े संस्कार बेटों को।
तमीज़ दे दो थोड़ी सी,
जरा अब तो बेटों को।

जिएं ना लड़कियाँ ये,
अब डर के साए में।
कटे जीवन उनका भी,
खुशियों के साए में।

स्वरचित
सपना (स. अ.)
प्रा.वि.-उजीतीपुर
वि.ख.-भाग्यनगर
जनपद-औरैया

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मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।