आओ तुम्हें वीर देश की एक कथा सुना ऊ
सच्ची वीरता को आंखो दिखलाऊं।
जहा राम , कृष्ण , परशुराम हुए।
जिसमे वीर विक्रमादित्य, चन्द्रगुप्त, समुद्रगुप्त अशोक
महान हुए।
शकों , यवनों के काल हुए।
हर्षवर्धन, प्रथ्विराज चौहान हुए
पूरे जग में जैसा हुआ नहीं,
शब्द भेदी बाण हुए।
कूटनीति में कोटिल्य,
आयुर्वेद में संजीवनी, धन्वंतरि, चरक, और पतंजलि गुरु वैध महान हुए।
नालन्दा, तक्षशीला शिक्षा जगत में विधा के विधान हुए।
राणा सांगा, कुम्भा और महाराणा प्रताप मुगलों के प्रलय काल हुए।
बिन शीश के लडने वाले, अश्व सहित शत्रु दल को काटने वाले वीरों के बखान हुए।
नारी भी सव्य दुर्गा बनकर अवतार हुई।
पद्मनी , दुर्गावती, लक्ष्मी बनकर शत्रु की काल हुई।
भगतसिंह, बोस, आजाद और कितने ही वीर देश के लिए कुर्बान हुए।
सुना है नेहरू, गांधी भी क्रांतिकारियों के फल से आबाद हुए।
आज भी हर सैनिक भारत मां के लिए जान हथेली पर
ले कुर्बान हुए।
सदा मेरे भारत देश का पेट भरने वाले वो किसान हुए।।
अनिल कुमार मारवाल