अब सबको मुस्काने दो…

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kartikey

नए वर्ष के नव जीवन में,
नई उमंगें आने दो..
इन्सानों की दुनिया में तुम,
अब सबको मुस्काने दो।

सत्य,प्रेम की बातों से तुम,
जग को भी तर जाने दो..
आशाओं और उम्मीदों को,
नए ख्वाब सजाने दो।

तम की काली रातों में,
अब पूर्णिमा घुल जाने दो..
जीवन की हर एक मुश्किल में,
नई राह खुल जाने दो।

आपस की कटुता को तुम भी,
मिट्टी में मिल जाने दो..
अपने सारे अहं-भाव को,
चूर-चूर हो जाने दो।

झूठ अगर बढ़ता है आगे,
उसको शूल चुभोने दो..
अपनी इच्छा शक्ति से,
जीवन को महकाने दो।

धरा और अंबर के मन में,
एक नया राग छिड़ जाने दो..
बादल के हर-एक टुकडे़ को,
नील गगन में गाने दो।

सूरज की लालिमा में तुम,
नए रंग मिल जाने दो..
चंदा की नगरी में तुम भी,
इकतारा बन जाने दो।

गंगा की लहरों में तुम,
प्रेम-सुधा बह जाने दो..
इस धरती के हर एक जन को,
प्रेम का सूप पिलाने दो।

इस मिट्टी के एक-एक कण में,
नए बीज बिखराने दो..
आशाओं की फुलवारी में,
नए फूल खिल जाने दो।

इन्दृधनुष-सी छटा मनोहर,
जीवन में बस जाने दो..
पानी की लहरों-सा जीवन,
डूबने-उतराने दो।

भारत माँ के ख्वाबों को भी,
अब पूरा हो जाने दो..
लहर-लहर लहराए तिरंगा,
उसको भी मुस्काने दो।।

                                                                       #कार्तिकेय त्रिपाठी

परिचय : कार्तिकेय त्रिपाठी इंदौर(म.प्र.) में गांधीनगर में बसे हुए हैं।१९६५ में जन्मे कार्तिकेय जी कई वर्षों से पत्र-पत्रिकाओं में काव्य लेखन,खेल लेख,व्यंग्य सहित लघुकथा लिखते रहे हैं। रचनाओं के प्रकाशन सहित कविताओं का आकाशवाणी पर प्रसारण भी हुआ है। आपकी संप्रति शास.विद्यालय में शिक्षक पद पर है।

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।