अभिनव कला समाज में पं.मसूरकर का शास्त्रीय गायन*

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इंदौर।

मकर संक्रांति के अवसर पर अभिनव कला समाज एवं स्टेट प्रेस क्लब, मध्यप्रदेश द्वारा सांघी मुक्ताकाश मंच, गांधी हॉल में शास्त्रीय गायन सभा का आयोजन किया।

शास्त्रीय गायन सभा का आगाज़ ग्वालियर घराने के वरिष्ठ संगीत साधक पं. सुनील मसूरकर ने राग बागेश्वरी से किया। पं मसूरकर के गायन में ग्वालियर घराने की शैली स्पष्ठ दिख रही थी, गुथी हुई ताने और अलापचारी बेहद उम्दा थी।गमक की तानों में जो लय बद्धता थी वो सराहनीय रही।
पं. मसूरकर ने राग खमाज़ में एक बंदिश तथा सुप्रसिद्ध रचना साँवरिया से समा बाँध दिया। पं. मसूरकर ने एक दादरा गाया एवं समापन राग भैरवी से किया।

तबले पर बालकृष्ण सनेचा और हारमोनियम पर भरत जोशी ने संगत दी। सह गायिका पं मसूरकर की शिष्या डॉ. शिल्पा मसूरकर थी।

प्रारम्भ में अभिनव कला समाज के प्रधानमंत्री अरविंद अग्निहोत्री, कोषाध्यक्ष सत्यकाम शास्त्री, पूर्व केंद्र निदेशक प्रकाश शुजालपुरकर, स्टेट प्रेस क्लब, मध्यप्रदेश के अध्यक्ष प्रवीण कुमार खारीवाल, कोषाध्यक्ष कमल कस्तूरी, महासचिव रवि चावला एवं समन्वयक आकाश चौकसे ने दीप प्रज्वलन किया। अतिथियों एवं कलाकारों का स्वागत क्लब के पदाधिकारी कृष्णकांत रोकड़े, राकेश द्विवेदी, विजय गुंजाल, प्रवीण धनोतिया द्वारा किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ ने किया।

स्टेट प्रेस क्लब, मध्यप्रदेश के अध्यक्ष प्रवीण कुमार खारीवाल ने इस अवसर पर बताया कि ‘स्टेट प्रेस क्लब एवं अभिनव कला समाज मिलकर प्रत्येक माह संगीत के एक आयोजन के माध्यम से शहर की संगीत विरासत को अक्षुण्ण रखने का प्रयास करेंगे।’
आयोजन में बड़ी संख्या में संगीत रसिक उपस्थित थे।

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आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।