मज़दूरों से

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हम मेहनतकश मजदूरों से जब कोई लुक्मा छीनेगा
हो जितने ऊंचे आसन पर वो अपना ओहदा छीनेगा

वह जमा हुआ जो आसन है
जो सत्ता और सिंहासन है
जो केवल थोता भाषण है
जो रोके रस्ता शासन है
हम बढे चलेंगे दिल्ली तक क्या मेरा रास्ता छीनेगा
यह बेघर करने वाला ही कल अपनी दुनिया छीनेगा
हम मेहनतकश मजदूरों से…..

ये खेतों की हरियाली में
है मेहनत डाली डाली में
पर जीवन है बदहाली में
न होली न दिवाली में
कानून बनाकर वो मुझसे जब पत्ता पत्ता छीनेगा
हम नहीं हटेंगे रास्ते से वो मेरा बस्ता छीनेगा
हम मेहनतकश मजदूरों से…

हम जुल्मो सितम सब सह लेंगे
हम फूटपाथ पर रह लेंगे
वह रोकें भी तो बह लेंगे
जो हक़ है अपना कह लेंगे
हम देखेंगे कब तक वो मुझसे टुकड़ा टुकड़ा छीनेगा
हम बढ़े हैं हक़ की खातिर तो वह कितना धंधा छीनेगा
हम मेहनतकश मजदूरों से….

यह मुझको जो तड़पाते हैं
सब अन्न हमारे खाते हैं
हम उन तक सब पहुंचाते हैं
हम भूखे पर रह जाते हैं
बेशर्म है हम जैसों से वह जो पैसा पैसा छीनेगा
हम डटे हुए हैं मंजिल तक फिर कब तक दाता छीनेगा
हम मेहनतकश मजदूरों से…..

डॉ. जियाउर रहमान जाफरी

नालंदा (बिहार)

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।