नारी

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नारी की शिक्षा।
नारी नै ना समझो नादान
यही सै भविष्य की पहचान
यही सै उज्जवल भविष्य की शान
यही सै देश की शान, बान, आन।
नारी का बढ़ रहा सै सम्मान

समाज में खुद की बना रही है पहचान
इनके साथ होता रहा घोर अपराध
शिक्षा से ही बनेगा देश महान
खूब मिल रहा समाज में सम्मान

ना समझो पैर की जुती ना करो अपमान
आदमी यां तै आगे सै नारी
शिक्षा के क्षेत्र में भी बाजी मारी
अपनी भूमिका निभा रही खूब सारी
इनसे छोटी है दुनिया प्यारी
शिक्षा तै इनमें आग्यी सै जान
आज मिल रहा है नारी को सम्मान।

ना होती शिक्षा अर ना हो विश्वास
ना हो जागरूक ना हो विकास
ना जावै ये दहलीज के पास
ना मिल पातै सारे अधिकार
ना करती देश का उद्धार
ना होती शोषण का शिकार
न करे रूढिवाद इनका अपमान
बढ़ रहा समाज में इनका सम्मान

खत्म होगी पुरूषों पर इनकी निर्भरता
खत्म होगी तभी देश की निर्धनता
करेगी खत्म इन सारी कुरीतियों नै
खुलेंगे रास्ते जब छोडेंगी पिया नै
खेला मैं भी हो रहा सै नाम
अर सम्भाल राख्यी सै देश की कमान
काल तक थी समझा थेे नादान
बढ़ रहा सै समाज में इनका सम्मान।

ना चुप रहवेगी, ना दुख सहवेगी
तोड दी सारी बेडिया मन लुभावन जेवडि़या
घणीये नारी नै करा सै बहुत घणा प्रयास
बढती रहे सै आबादी अर बढता रहे विश्वास
करै से हर बाधा का डट कै सामना
करे सै शिक्षा प्रचार भावे सै कामना
काल तक तो थी ये नादान
समाज में इनका बढ रहा सम्मान

नारी अर पुरूष में आज भी भेद सै
इस पूरे भारत ने बहुत घणा खेद सै
नारी का ना करागे सम्मान
ना रहगी नर की भी पहचान
यू सै असली देश का सोना
इनसे तुम कभी भी ना खोना
भावडिया भी राख्ये सै ध्यान
समाज में बढ़ रहा सै सम्मान।

खान मनजीत भावड़िया मजीद
सोनीपत हरियाणा

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।