आओ हम इंसान को इंसान बनाएं,
सबके दिलों में प्रेम की गंगा बहाएं।
जिओ और जीने दो का पाठ पढ़ाएं,
मानव को उनके अधिकार बताएं।
न कर सके किसी का कोई भी शोषण,
आओ जन जन को जागरूक बनाएं।
जाति धर्म लिंग भेद जड़ से मिटायें,
समानता और प्रेम के गीत हम गाएं।
दर्द भरे जीवन को मधुर संगीत बनाएं,
खुद भी हंसे हम और सबको भी हंसाएं।
आशा की छेड़ तान निराशा को भगाएं,
जीवन सफर को हम सब आसान बनाएं।
त्याग राग द्वेष को हम सन्नमार्ग अपनाएं,
अज्ञान के अंधेरों को हम जड़ से मिटायें।
एक दूजे के होंठों की मुस्कान बन जाएं,
मिल जुल कर हम प्रेम की वंशी बजाएं।
कांटो भरी राहों से बिल्कुल ना घबराएं,
हर कठिन परीक्षा को हम पास कर जाएं।
आओ इस धरा को हम सब स्वर्ग बनाएं।
हाथ जोड़ कर प्रभु के गुणगान हम गाएं,
स्वरचित
सपना (स. अ.)
जनपद – औरैया