हां मै पागल हूं, हर काम को बिगाड़ देता हूं।
आजकल के प्यार को में हवस की औलाद कहता हूं।
मां बाप के सपने को तोड़ने वाले हर शख्स को में
शैतान कहता हूं।
सपने पूरे करने की उम्र में मरने वालों को में
बुझदिल , डरपोक, हरामखोर इन्सान कहता हूं।
आजकल के नेताओं के भाषणों को में इन्सान
के लिए सरेआम खतरनाक कहता हूं।
हां मै पागल हूं , हर काम को बिगाड़………..।
नारी पर होते रहे जुल्म और एक बेटा सरेआम देख रहा है मै उसे हर मां का अपमान कहता हूं 2।
मर रहा है किसान और सरकार अपनी जेबें भरने में लगी है। इसीलिए में उस सरकार
के हर आदेश को तानाशाही फरमान कहता हूं।
हां मै पागल हूं , हर काम को बिगाड़…………।
आज कल के युवा सिर्फ भगतसिंह का नाम लेकर चमकना चाहते हैं
विचार भगत सिंह के होते नहीं है उनके पास , में उनके इस कार्य को क्रांतिकारियों का अपमान कहता हूं।
प्रताप को जिसने कभी पढ़ा ही नहीं ,
वो लोग अकबर को महान बतलाते हैं।
ऐसे लोगो को मै सरेआम बुलन्द आवाज के साथ
मै भारत मां के लिए नुकसान कहता हूं।
हां मै पागल हूं , हर काम को बिगाड़………….।
अब मानव को बचाने के लिए मानव को आगे
आना होगा।
कही पर बुद्ध तो कहीं पर , मां भारती के वीरों
को आगे आना होगा।
हर नारी को रणचंडी बनकर वहशी दरिंदों से भारत
मां को बचाना होगा।
हां मै पागल हूं हर काम को बिगाड़……………।
कहीं पर जिहादी सोच तो कहीं, इस बॉलीवुड की गन्दी सोच से देश के भविष्य को बचाना होगा।
अब ले हाथो में तलवार सरेआम युद्ध का बिगुल बजाना होगा।
हां मै पागल हूं हर काम को बिगाड़ देता हूं……2।
अब तो हर नारी को दुर्गा, रानी लक्ष्मी बाई कहीं पर फूलन बनना होगा।
इन जिहादियों के शीशों को हवन कुण्ड में भस्म करना होगा।
#अनिल कुमार मारवाल
हनुमानगढ़(राजस्थान)