विश्व मानसिक स्वास्थ दिवस

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जीवन की आपाधापी में,
हम कुछ ऐसे व्यस्त हुए।
फिकर रही ना स्वास्थ्य की,
हम कुछ ऐसे मस्त हुए।
क्या है अच्छा ,क्या है बुरा,
इसकी परख ना हमने की।
बांधकर पट्टी आंखों पर,
भेड़ चाल है हमने चली।
सारे एशो आराम की खातिर,
खूब कमाई हमने की।
तन तो अपना खूब सजाया,
मन की परवाह ना हमने की।
एक पल आया जीवन में ऐसा,
दिल दिमाग के रोगी हो गए हम।
डिप्रेशन ने आकर जकड़ा हमको,
कुछ पागल से हो गए हम।
दुनियादारी तनिक ना भाए,
जब हम मानसिक रोगी हो जाएं।
धन दौलत कुछ काम ना आए,
अजीब सी उलझन में खो जाएं।
अस्पतालों के हम चक्कर लगाएं,
डॉक्टरों को हम फीस लुटाएं।
दवाइयों के साइडइफेक्ट उठाएं,
फिर भी स्वस्थ ना हम हो पाएं।
निर्मल रखें तन मन अपना,
कुविचार ना मन में लाएं,
झूठ ,कपटता, स्वार्थ,अहम।
सदा स्वयं से दूर भगाएं,
बांटें सुख दुःख अपनों संग,
अच्छे अच्छे मित्र बनाएं।
दुःख ,दर्द मिटाकर अपने सारे,
चिंताओं की चिता जलाएं।
ध्यान, योग ,अध्यात्म अपनाकर,
जीवन में सुख शांति पाएं।
गंभीर मानसिक बीमारियों से,
जन जन को जागरूक बनाएं।

रचना
सपना( स०अ०)
जनपद – औरैया

matruadmin

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भारत

Sun Oct 11 , 2020
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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।