दरिंदो का खिलौना, बने ये बेटियां

0 0
Read Time1 Minute, 17 Second

कब थमेगा ये सिलसिला, क्या ये बेटियां यूं मरती रहेंगी!
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, बस नारों में दम भरती रहेंगी!!
तुम उनका दिल पूछकर देखो, जो अपनी बेटी खो रहे हैं!
सरकार खामोश बैठी है और, वो खून के आंसूं रो रहे है!!
हवस मिटाकर ना पेट भरा तो, उसकी जुबां भी काट दी!
उसके शरीर की हड्डियां भी, कितने हिस्सों में बाट दी!!
नारी तन से पैदा हुए और, नारी से ही बलात्कार किया!
शर्म ना आई उन कुत्तों को, दिल ने भी ना चीत्कार किया!!
जलाकर उसकी लाश रात को, शक में भी ये खाकी है!
दिल का टुकड़ा खोया मां ने, दर्द मे अब क्या बाकी है!!
बार बार हो रहे बलात्कार, क्या यही मेरे देश की शान है!
नपुसंक करो उन कुत्तों को, जो दरिंदे घूमते सरेआम हैं!!
क्यो इतनी छूट मिली इनको,रोज क्यों होते कांड घिनोने है!
“मलिक”का दिल रो उठता, जब बनती नारियां खिलौने हैं!!

सुषमा मलिक “अदब”
रोहतक (हरियाणा)

matruadmin

Next Post

गांधीजी - एक आदर्श

Fri Oct 2 , 2020
अफ्रीका में आंदोलन चलाया सबको समानता का अधिकार दिलाया वापस भारत आ करके आजादी का बिगुल बजाया। चंपारण में सत्याग्रह चलाया अहमदाबाद में मजदूरों को अधिकार दिलाया, खेड़ा में किसानों पर जुल्मों को हड़तालों से बंद कराया। असहयोग आंदोलन चलाया सविनय अवज्ञा से जनता को जगाया, जली होलिका विदेशी वस्त्रों […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।