नारी सशक्तिकरण

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tara prajapat
देश का मान और शान है,भारत की बेटियां,
घर की रौनक और जान है,भारत की बेटियां।
जमीं पर चलाती है ट्रक, रिक्शे और रेलगाड़ियां,
आसमां पे उड़ा रही विमान,भारत की बेटियां।
नेहा,कृष्णा,सानिया और भी अनगिनत,
खेल-जगत की पहचान है,भारत की बेटियाँ।
जीजा,देवकी,कौशल्या,यशोदा और माँ मदालसा,
ममता की गहरी खान है,भारत की बेटियाँ।
सीता-सावित्री-सी, कभी मीरा दीवानी-सी,
मर्यादित प्रेम की मधुर तान है,भारत की बेटियाँ।
बनी कभी रजिया तो कभी बनी वो पदमिनी,
देशहित पे सब कुर्बान है, भारत की बेटियाँ।
पढ़-लिखकर रौशन कर रही है देश नाम का,
संस्कारी, ज्ञानवान है, भारत की बेटियाँ।
पर्वतारोहण,अंतरिक्ष,सेना और हर क्षेत्र में,
जोश में परवान चढ़ रही है,भारत की बेटियाँ।
किसी भी बात में ये बेटों से कम नहीं होती,
माँ-बाप का अरमान है, भारत की बेटियाँ।
भूतकाल,वर्तमान और आगे भी भविष्य काल में,
विश्व में भारत का सम्मान है, भारत की बेटियाँ।
                                                              #तारा प्रजापत ‘प्रीत’
परिचय: तारा प्रजापत ‘प्रीत’ का घर परम्पराओं के खास धनी राज्य राजस्थान के जोधपुर स्थित रातानाड़ामें है। आपकी जन्मतिथि-१ जून १९५७ और जन्म-स्थान भी जोधपुर(राज.) ही है। बी.ए. शिक्षित तारा प्रजापत का कार्यक्षेत्र-गृहस्थी है। पत्रिकाओं और दो पुस्तकों में आपकी रचनाएँ प्रकाशित हुई है तो अन्य माध्यमों में भी प्रसारित हैं। लेखन का उद्देश्य अभी तक तो शौक ही है।

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।