केन्द्रीय विद्यालय टेंगा वैली में सुनील चौरसिया संग शिक्षक वृन्द सम्मानित

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भारतीय संस्कृति के संवाहक, सुप्रसिद्ध शिक्षाविद् , महान दार्शनिक, सुविख्यात विचारक , भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति एवं द्वितीय राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन (5 सितंबर 1888- 17 अप्रैल 1975) के जन्मदिनोत्सव पर देश में शिक्षक दिवस मनाया जाता है। केंद्रीय विद्यालय टेंगा वैली, पश्चिम कमेंग, अरुणाचल प्रदेश में भी कोरोना बीमारी से संबंधित सरकारी दिशा निर्देशों का पालन करते हुए प्राचार्य रामकिशोर मीणा, निधि श्रीवास्तव एवं कविता राठौर द्वारा दीप प्रज्वलन कर शिक्षक दिवस का शुभारंभ किया गया।

      सत्र 2019-20 में शत-प्रतिशत परीक्षा परिणाम प्रदान करने वाले शिक्षक वृंद को प्राचार्य ने सम्मानित किया। हिन्दी विषय का परीक्षा परिणाम भी 100% रहा, जिसके लिए स्नातकोत्तर शिक्षक सुनील चौरसिया को प्रशस्ति पत्र तथा शील्ड प्रदान कर एवं खाता पहना कर  प्राचार्य ने सम्मानित किया। केंद्रीय विद्यालय संगठन के क्षेत्रीय कार्यालय तिनसुकिया संभाग, असम से प्रभारी उपायुक्त श्री वी.के. बेहरा एवं सहायक आयुक्त समाज जोगलेकर ने शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाओं सहित उज्ज्वल भविष्य की कामना की ।
 सौमित्र कुमार एवं पवन कुमार के वक्तव्य के पश्चात राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' तथा शिक्षा, संचार एवं इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालयों के राज्य मंत्री संजय धोत्रे के संदेश पढ़े गए। नरेंद्र एवं वीरेंद्र के संचालन में प्राचार्य ने सौमित्र, विवेक, भरत सिंह, दोल बहादुर थापा इत्यादि शिक्षक वृन्द को भी सम्मानित कर आदर्श शिक्षक के गुणों पर चर्चा की । छात्रा मुस्कान और अखिलेश बिन्द की कविताएं प्रशंसनीय रही।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।