विभिन्न पत्नियों के विभिन्न वार्तालाप अपने पतियों से

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पायलट की पत्नी बोली अपने पति से,
ज्यादा हवा में मत उडो,
मै तुम्हे तो ही उड़ा दूंगी
ज्यादा तीन दो पांच मत करो
तुम्हे तो मुंह से सीटी बजाकर
हवा में उड़ा दूंगी।

अध्यापक की पत्नी बोली
मुझे ज्यादा मत पढ़ाओ,
मै तो पढ़ी पढ़ाई आईं हूं
तुम जैसे मास्टरों की तो
हेड मास्टरनी बनकर आई हूं।

पेंटर की बीबी बोली
ज्यादा रंग मत घोल।
मुझसे ठीक ठीक बोल
वरना इन्हीं रंगो से
तेरा थोबड़ा रंग दूंगी।

धोबी की बीबी बोली
जा जा अपने घाट पर जा
इधर तू जरा भी नहीं आ
अगर आ गया तू इधर
तुझे जड़ से ही धो दूंगी।

नाटक करने वाले की बोली
इधर ज्यादा नाटक मत कर
करना है तो स्टेज पर कर
अगर यहां नाटक किया तो
तेरा ही नाटक बना दूंगी।

डेंटिस्ट की बीबी बोली,
अपनी डाक्टरी मत दिखा
और अपनी बतिसी मत दिखा
नहीं तो तेरी बातिसी निकाल
तेरे हाथ में हाथ में दे दूंगी।

सी ए की बीबी बोली
मुझसे ज्यादा हिसाब मत कर
तेरा प्रोफिट एंड लोस बना
तेरी बैलेंस सीट बना दूंगी।

आर्किटेक्ट की बीबी बोली
ढंग से रहो मेरे तुम साथ
वरना इन्हीं पैमाने पेंसिल से
तेरे मुंह पर नक्शा बना दूंगी।

बिल्डर की बीबी बोली
अपनी तू औकात में रह
नहीं तो लेबर के सामने ही
तेरी ईट से ईट बजा दूंगी।

आर के रस्तोगी
गुरुग्राम

matruadmin

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मैं किन किन को छोड़ू, जबकि सभी अपने हैं। जीवन के सफर में, मिला साथ मुझे सबका। इसलिए तो मंजिल तक, मैं पहुंच पाया हूँ। और विजय ध्वजा को, आकाश में फहरा पाया हूँ।। जीत हार से जो भी अपने को आंके। वो लक्ष्य से बहुत दूर जीवन में हो […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।