जिंदगी एक किताब
रिश्ते नातों के
कई टांको से
जुड़ती है जिंदगी
लिखे जाते हैं
कई सपने ,कई संवाद
कुछ सुनहरी सी स्याही से
कुछ सतरंगी से लिखकर
कुछ काली से
हर पन्ना जैसे
अलग ही गाथा लिए रहता है
बखान करता है
अपने दर्द को ,मर्म को
सुनहरी स्याही से लिखें
संवादों को
सम्मान के साथ
कहा जाता है जमाने में
सतरंगी स्याही से लिखे
अल्फाजों को
जी भर के
जिया जाता है अपनों के साथ
मुस्कुराहटों के साथ
किंतु काली स्याही के अक्षरों को
सफेद पन्नों पर लिखकर
छुपाया जाता है
पर्दा डालकर
शायद खुद से ही
खुद को छिपाने का
भ्रम पैदा किया जाता है
कुछ पन्नों को पढ़ा तो जाता है
लेकिन जीवन किताब में
शामिल नहीं किया जाता है
सीने के समंदर में
दफन किया जाता है
उन अनलिखें से
शब्दों को , संवादों को
और गाथाओं को
फिर एक सुंदर सी जिल्द से
सजा दिया जाता है
औरों को पढ़ने की खातिर
जिंदगी की किताब को।
स्मिता जैन