इंडिया नहीँ भारत

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इंडिया नहीं
भारत मेरा देश
संस्कृति का यहाँ परिवेश
भारत मेरा देश
धर्म जुदा हो सकते हें पर
मन जुदा नहीं होना है
आओ मिल जाएँ हम तुम
मानवता नहीं खोना है
क्या पंडित क्या मौलवी
क्या गीता क्या कुरान
हर मज़हब हमें सिखाता
मानव बन तू महान
कर्मों से ।।

प्रेम प्रीती की निति सिखाती
एक सभी हम जहांन में
मानवता ही बड़ा धर्म होगा
हर इंसान में ।।

मतभेदों को दूर किनारे प्रेम की
बहानी है सरिता
रावी चिनाब मिल गंगा यमुना
हो जल सलिला एक जैसा

चार दिन की जिंदगानी करे नही हम खेद
आओ हम मिल गले लग जाएँ रहे नही कोई भेद
राम रहीम के बन्दे हम हैं मानवता अपनाएं
आज ख़ुशी में मिलकर गले धर्म का भेद मिटायें

परिचय

माधुरी सोनी ‘मधुकुँज’

जन्म स्थान : नागदा जंक्शन
पिता – श्री सुजानमल जी सोनी
माता – राधा सोनी
पति – श्री निकुंज सोनी
शिक्षा – स्नातक, स्नात्तकोत्तर (समाज शास्त्र)
व्यवसाय – गृहिण,/समाज सेविका
कार्य क्षेत्र – साहित्य क्षेत्र में सक्रिय लेखन, वाचन, मंच संचालन, लोक कला व लोक गायिका ।

विधाएँ
गद्य व् पद्य विधा में लेखन गीत, नवगीत, स्वतन्त्र काव्य लेखन, बाल कहानी वाचन एकल अभिनय आवाज़ का।

प्रकाशित कृति – हिन्दी लेखिका मंच में काव्य, अहमदाबाद सन्देश पत्रिका में काव्य , वनांचल झाबुआ में काव्य रचना, स्वर्णकार सेतु औरंगाबाद में प्रकाशित लेखन काव्य व प्रेरक लेख, स्वर्णकार सेतु रत्न में प्रकाशित कथा, लघुकथा, काव्य लेख अभिव्यक्ति राष्ट्रिय मंच में प्रकाशित काव्य रचनाएँ।

सम्मान –
डॉ कल्पना चावला अवॉर्ड लेखिका मंच, स्वर्णकार काव्य सरिता
अभिव्यक्ति राष्ट्रीय मीरा सम्मान 2019 अभिव्यक्ति काव्य सम्मान 2020
ट्रू मीडिया से दिल्ली में सम्मान साहित्य गौरव व अन्य स्वर्णकार रत्न, स्थानीय लोक कला में मांडना आर्ट गोंडी आर्ट गणगौर आर्ट व लोकगीत विधा में सम्मानित।

भाषा क्षेत्र – हिन्दी, अंग्रेज़ी, मराठी, गुजराती, पंजाबी, आदिवासी भीली व मालवी भाषा ।

सम्पर्क- श्रीमती माधुरी निकुंज सोनी
अलीराजपुर (म.प्र.)
पिन कोड-457887

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।