बैकिंग प्रणाली

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देखो देखो लोगो बैंकों का
क्या हाल हो गया।
लोगो के पैसे जमा होते
हुए भी बैंक कंगाल हो गया।
मध्यमवर्ग वालो की कमाई
व्यापारी लेकर फरार हो गया।
और चूना बैंकको के साथ ही
मध्यमवर्गीयों को लगा गया।
देखो देखो लोगो बैंकों का
क्या हाल हो गया।।

बहुत देखे अमीर जादे जो
बैंक में पैसे जमा करते नहीं।
पर पैसा बैंकों से लेकर
खुदको दिवालिया कर लेते है।
और बैंकों का पैसा फिर
कभी वापिस करते नहीं।
जिससे बैंक के साथ ही
जमाकर्ताओ को डूबा देते है।
और खुदका पैसा लेने
बैंकों के चक्कर लगाते है।
जिसके चलते कुछ तो
भगवान को प्यारे हो जाते है।
और कुछ जमाकर्ता
जीते जी मर जाते है।।

वक्त आ गया है लोगों
जरा संभाल जाओ तुम।
मेहनत की कमाई अपनी
मत जमा करो अब बैंकों में।
रखो सुरक्षित अपने घरों में
अपना अपना धन तुम लोगो।
ब्याज के थोड़े लालच
मत फसो अब तुम लोगो।
यदि जमाकर्ता ऐसा मिलकर
तुम सब कर जाओगे।
तो बैंकों की कार्य प्रणाली
बिल्कुल बदल जाएगी।
फिर कर्जा लेने उद्योगपति
मध्यमवर्गीयों के पास आएंगे।।
फिर कहंगे लोग
देखो देखो बैंकों का
क्या हाल हो गया।
पूरा देश खुशाल हो गया।।

जय जिनेन्द्र देव
संजय जैन मुम्बई

matruadmin

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।