संगनी का साथ..

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मैं अब कैसे बतलाऊँ,
अपने बारे में लोगो।
कैसे करूँ गुण गान,
अपने कामो का मैं।
बहुत कुछ सीखने को,
मिला मुझे यहाँ पर।
और निकाले जीवन के,
30 वर्ष यहाँ पर।।

मिला सब कुछ जीवन में,
जो भी चाहा था हमनें।
करू कैसे मैं इंकार की,
मिला नहीं अपनों का प्यार।
जो किये थे पूर्व जन्म में,
कुछ अच्छे कर्म हमने।
तभी तो मिला है मुझको,
आप सब से इतना प्यार।।

अब फिरसे शुरू करूँगा,
नई पारी की शुरुआत।
इस पारी में हमें मिलेगा,
जीवनसंगनी का साथ।
पूरे जीवन करती रही,
वो सब लोगो का ख्याल।
अब बारे मेरी आई है,
रखूँगा उसका में ख्याल।।

उम्र के इस पड़ाव पर,
नहीं मिलता किसीका साथ।
सभी अपने जीवन को,
जीते है अपने अपने अनुसार।
सही में हम दोनों को,
मिला जीने का ये अवसर।
तो क्यों शामिल करे हम,
औरो को इस कार्य में।।

निभाएंगे हम दोनों किये थे,
जो एक दूसरे से जो वादे।
सुखदुःख की हर घड़ी में,
रहेंगे साथ अब हम दोनों।
जिंदगी को संग जीने की,
बहुत बड़ी सच्चाई है।
इसे जितने जल्दी तुम,
समझ लोगे तुम प्यारो।
हकीकत खुद व्य करेगी,
समय के आने पर।।

जय जिनेंद्र देव की
संजय जैन (मुंबई )

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।