पत्नी प्यारी…

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mukesh

आरती पत्नी प्यारी की-सास की राजदुलारी की,

मायके में फिरती इतराती-मियां को नखरे दिखलाती..

इठ्लाती और लहराती, चले तनके-माधुरी बनके,

तीखी तेज़ कटारी की-सास की राजदुलारी की।

ना माने बात पति की है,लगे ये बिना मति की,

हमारी दुर्गति की है, करूं में क्या-दवा तो बता..

इस सरदर्द बीमारी की-सास की राजदुलारी की।

ये मेकअप की दीवानी है,कुमोलिका की ये नानी है,

हिट्लर मेरी जनानी है,सदा अकड़े-सदा झगड़े..

आफत भरी पिटारी की-सास की राजदुलारी की।

रह्ती है टी.वी में डूबी,ये मेरी जानी मेह्बूबी,

अज़ूबा है या अज़ूबी,मेरी बीवी-है-या टी.वी..

स्टार-प्लस की मारी की-सास की राजदुलारी की।

झाड़ू मुझसे लगवाती,बर्तन मुझसे मंजवाती,

खाना भी मुझसे पकवाती,पाव भाजी-बना दो नाजी..

कहे ताज़ी तरकारी की-सास की राजदुलारी की।

फंस गया हूँ शादी करके,छूटेगा अब पीछा मर के,

कपड़े धोए टब भरके,साड़ी सलवार-धोवे है यार..

‘कमल’ तो अपनी नारी की-सास की राजदुलारी की।

                                                                              #मुकेश ‘कमल’

 

matruadmin

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One thought on “पत्नी प्यारी…

  1. जय हो पत्नी प्यारी की !!!
    सरस हास्यपुट लिए रचना के लिए बधाई !

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