कहीं पे कच्चा है

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arun jain
 चलता रहा,
बड़ा हो गया
अपने पैरों पर,
खड़ा हो गया।
शहर दर शहर,
घूमता रहा
अनुभवों को लिए,
चढ़ता रहा।
दुनिया भर में,
बढ़ता गया
शिखर कई,
चढ़ता गया।
सफलताएं,
चरण चूमती रहीं
नाम से,
आकाश पट गया।
कहीं भरोसा,
नहीं होता
कुछ कमी-सी,
लगती है।
आँख के कोरों पर
नमी-सी लगती है।
माँ तेरा हाथ नहीं,
सर पर कोई साथ नहीं।
जी धड़कता है,
जब बिजली दूर
कड़कती है,
बादल की ओट।
माँ मैं तुझसे,
रूठा हुआ हूँ
तू आती क्यों नहीं
प्रश्न सुलझाती नहीं।
तुम असमय चली गई,
काश मेरा तो सोचती
कितनी उलझने हैं,
सब निपटाती सही।
एक राह दिखलाती,
बन दीये की बाती
तेरे जाने भर से,
कुछ नहीं बदलता।
न एहसास ख़त्म,
न पहचान मिटी
तू ही मेरा आकाश,
तू ही संस्कारों की मिट्टी।
कोने-कोने में तू,
हँसने-रोने में तू
उठने-सोने में तू,
सांसों के होने में तू।
अमराई में आम पके,
मन कहीं पे कच्चा है
जितना चाहे बड़े बनो,
लाल माँ का बच्चा है।

                                                                          #अरुण कुमार जैन

परिचय: सरकारी अधिकारी भी अच्छे रचनाकार होते हैं,यह बात
अरुण कुमार जैन के लिए सही है।इंदौर में केन्द्रीय उत्पाद शुल्क विभाग में लम्बे समय से कार्यरत श्री जैन कई कवि सम्मेलन में काव्य पाठ कर चुके हैं। उच्च शिक्षा प्राप्त सहायक आयुक्त श्री जैन का निवास इंदौर में ही है।

matruadmin

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।