असलियत

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rishabh
दुविधाओं से घिरा हुआ..
आंखों को मलता हुआ धीरे-धीरे जागता हुआ,
खुद को भारतीय करार करता हूँ…
अपने जीवन में एक मुद्दे पर दो राय रखता हूँ..l
जब मैं आदमी हूँ तो अपने घर की,
नारी को अबला एवं कल्पनाओं में सबला करार करता हूँ…
पिता हूँ तो अपने पुत्र के प्रतीक पर,
निरीह को बलि का पात्र करार करता हूँ…
नेता हूँ तो किसान की आत्महत्या पर,
उसे कायर एवं आंदोलन पर नौटंकी करार करार करता हूँ…l
विपक्ष में होता हूँ तो भटका युवा,
और सत्ता में आकर पत्थरबाज करार करता हूँ…
पार्टी को आजादी,अजान को शोर करार करता हूँ,
अपनी गलती को नादानी और,
दूसरे की गलती को गुनाह करार करता हूँ…
ऐसी ही कुछ अनकही बातों को,
भावनाओं का लिहाज करार करता हूँ…l
असलियत छिपाया हुआ हिन्दुस्तानी हूँ दोस्तों,
आज देश को `भारत`,कल से  `इंडिया` करार करता हूँ…l
                                                                              #ऋषभ एस.स्थापक
परिचय : छिंदवाड़ा (मध्यप्रदेश)निवासी ऋषभ एस. स्थापक विभिन्न विषयों पर शौक से कलम चलाते हैं। आप कलेक्टर कार्यालय के महिला एवं बाल विकास विभाग (छिंदवाड़ा)में कार्यरत हैं । 22वर्ष आपकी आयु है।

matruadmin

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2 thoughts on “असलियत

  1. मैं भी आप की कविता पर दो राय रखता हू
    मैं लिखता तो उत्तम
    आप ने लिखी तो अति उत्तम

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