योग एक जीवन की किर्या,इसका तुम उपयोग करो।
योग करोगे निरोग रहोगे, इसको तुम प्रतिदिन करो।।
निरोगी काया सबसे बड़ी है माया,
इससे बड़ा कोई सुख नहीं।
निरोगी रहोगे स्वस्थ रहोगे,इसकी जग में कोई तुलना नहीं।।
जीवन के है चार सुख,पहला सुख निरोगी काया है।
निरोग रहोगे काम करोगे,दूजा सुख में माया है।।
तीजा सुख सत्वंती नारी है,चौथा सुख पुत्र आज्ञाकारी है।
मिल जाए अगर चार सुख ,जीत सकता महामारी है।।
योग करने में कोई पैसा नहीं लगता,न लेनी पड़ती उधारी है
निरोग रहोगे माया का उपयोग करोगे नहीं तो मारामारी है।।
योग को देखो रामदेव को देखो इसका बड़ा उदाहरण है।
कंचन सी काया है इसकी,आज का बड़ा उदाहरण है।।
पत्नी नहीं है इसकी फिर भी अरबपति कहलाता है।
देखो यह योग की माया,जिसका जग में सम्मान किया जाता है।।
रस्तोगी भी रोज योग करता,तभी रोज कविता लिख पाता है।
पहले योग करता फिर कलम उठाता,इस तरह जीवन बिताता है
आर के रस्तोगी
गुरुग्राम