फूलों सी, कलियों सी कोमल बेटियाँ,
माँ का प्यार, पिता की इज्ज़त बेटियाँ |
कुल की शान, अभिमान की पगड़ी बेटियाँ,
घर-परिवार की आन, मान, शान,जान बेटियाँ |
सीता, सावित्री, दुर्गा सी होती वीरांगना बेटियाँ,
आज जीत कर ला रहीं पदक, भारत की बेटियाँ |
सादगी से बड़ी नहीं कोई सुंदरता, अमल करें बेटियाँ,
भारतीय संस्कारों को न हरगिज़ भूलें कभी हमारी बेटियाँ |
बेटों से अच्छी होती हैं हमेशा बेटियाँ,
फूलों सी, कलियों सी कोमल बेटियाँ |
#मुकेश कुमार ऋषि वर्मा
परिचय : मुकेश कुमार ऋषि वर्मा का जन्म-५ अगस्त १९९३ को हुआ हैl आपकी शिक्षा-एम.ए. हैl आपका निवास उत्तर प्रदेश के गाँव रिहावली (डाक तारौली गुर्जर-फतेहाबाद)में हैl प्रकाशन में `आजादी को खोना ना` और `संघर्ष पथ`(काव्य संग्रह) हैंl लेखन,अभिनय, पत्रकारिता तथा चित्रकारी में आपकी बहुत रूचि हैl आप सदस्य और पदाधिकारी के रूप में मीडिया सहित कई महासंघ और दल तथा साहित्य की स्थानीय अकादमी से भी जुड़े हुए हैं तो मुंबई में फिल्मस एण्ड टेलीविजन संस्थान में साझेदार भी हैंl ऐसे ही ऋषि वैदिक साहित्य पुस्तकालय का संचालन भी करते हैंl आपकी आजीविका का साधन कृषि और अन्य हैl