खुशी…

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anjul

मैंने खुशी को पास बुलाना चाहा,
पर वह न आई कसम खाकर।
मैंने खुशी को कलियों में खोजा,
पर उपवन ले गया चुराकर।

मैंने खुशी को नदियों में खोजा,
पर लहरें ले गई बहाकर।
मैंने खुशी को बरखा में खोजा,
पर रिमझिम बूँदे ले गई इतराकर।

मैंने खुशी को खेतों में ढूँढा,
पीली सरसों ले गई मुस्कुराकर।
हार-थक मैंने खुशी से पूछा,
तुम क्यों न आ रही झूम कर।

हंस कर खुशी ने राह दिखाई,
वह मुस्कुराई खिलखिला कर।
ऐ बंदे नन्हें मुन्नों को प्यार कर,
असहाय विकलांगों में खोज डूबकर..
फिर मैं आऊंगी तेरे घर दौड़कर।।

#डॉ.अंजुल कंसल ‘कनुप्रिया’

परिचय : इंदौर में निवासरत डॉ.अंजुल कंसल ‘कनुप्रिया’ की शिक्षा एमए(आर्कलाजी) सहित बीएड,एमए(हिन्दी साहित्य) और पीएचडी भी है। लिखावट सुधार आपका कार्यक्षेत्र है एवं कैलीग्राफी भी सिखाती हैं।कविता सहित लघुकथा और नाटक लेखों की रचना में सक्रियता है। आकाशवाणी इंदौर से कविताओं एवं वार्ताओँ का प्रसारण हो चुका है। अनुगूंज काव्य, कथाशतक के अतिरिक्त और भी संग्रह छप चुके हैं। दिव्य साहित्य गौरव सम्मान, भोपाल द्वारा माहेश्वरी एवं शिव सम्मान, कृति कुसुम सम्मान और शिलाँग में डां.महाराज कृष्ण जैन सम्मान भी आपने पाया है। कुछ पुस्तकों का सम्पादन भी किया है। आप लेखिका संघ,हिन्दी परिवार आदि संस्था ओं से जुड़ी हुई हैं।

matruadmin

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।